आठ साल बाद हुआ पुनर्जन्म
विज्ञान को चुनौती देती हकीकत
लखनऊ, आज के समय में पुनर्जन्म की बात को ज्यादातर लोग अंधविश्वास या फिर काल्पनिक मानते हैं क्योंकि विज्ञान के इस दौर में ऐसी किसी भी बात के लिए कोई जगह नहीं है. लेकिन उत्तर प्रदेश के मैनपुरी से एक पुनर्जन्म की एक ऐसी कहानी सामने आई है.जिसके बारे में जानकर हर कोई दंग है.
मामला मैनपुरी जिले के ग्राम नगला सलेही का है, जहां प्रमोद कुमार श्रीवास्तव का 13 साल का बेटा रोहित कुमार की आठ साल पहले मौत हो गई थी. रोहित की मौत के 8 साल बाद पास के ही गांव नगला अमर सिंह के रहने वाले रामनरेश शंखवार का बेटे चन्द्रवीर उर्फ छोटू ने दावा किया है कि वह रोहित ही है.
गांव में आग की तरह फैल गई खबर
दरअसल हुआ यूं कि प्रमोद कुमार उस वक्त हैरान रह गए जब अचानक से घर पहुंचे एक 8 वर्षीय बालक ने उन्हें पिता कहकर बुलाया. प्रमोद कुछ समझ पाते उससे पहले ही 8 वर्षीय बालक चंद्रवीर ने बताया कि नहाते वक्त नहर में उसकी डूबकर मौत हो गई थी.
बच्चे की बात सुनते ही प्रमोद और उनकी पत्नी ने चंद्रवीर को गले लगा लिया और दहाड़ मार कर रोने लगी.यह खबर इलाके में जंगल में आग की तरह फैल गई पूर्व जन्म के रोहित और वर्तमान के चंद्रवीर ने बताया कि वह इस दुनिया में दोबारा आया है.पुनर्जन्म की इस कहानी की खबर आग की तरह फैली और दर्जनों ग्रामीण मौके पर जमा हो गए.
पुनर्जन्म की इस कहानी की खबर आग की तरह फैली और दर्जनों ग्रामीण मौके पर जमा हो गए. इसी दौरान गांव के पूर्व माध्यमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक सुभाषचन्द्र यादव ने भीड़ लगी देखी तो वह भी प्रमोद के घर पर रुके तो लड़के ने उनके पैर छूकर उनका नाम लिया कि ‘ये तो सुभाष मास्साब हैं’ तो वह भी दंग रह गए.
इतना ही नहीं, चंद्रवीर ने गांव के अन्य लोगों को भी पहचान कर उनके नाम बताए. उसने विद्यालय पहुंचकर अपना क्लास रूम भी पहचान लिया.अपने पुनर्जन्म के माता-पिता के पास वह बेहद खुश नजर आया और उन्हें कई बातें बताईं. जिसे सुनकर सभी लोग हैरान हैं. उधर चंद्रवीर की मां का कहना है कि भले ही कोई कहानी हो लेकिन वे अपने बेटे को किसी को नहीं देंगी. वे चाहती हैं कि चंद्रवीर अपने पुराने मां-बाप के घर आ जा सकता है इस पर उन्हें कोई ऐतराज नहीं है.