कोरोना महामारी ने भारतीय रेलवे (Indian Railways) को भी काफी प्रभावित किया है। कोरोना की वजह से अब तक रेलवे मंत्रालय (Ministry of Railways) के करीब 1952 कर्मचारियों की मौत हो चुकी है. वहीं पिछले 15 माह के दौरान करीब 100000 कर्मचारी कोरोना की चपेट में आ चुके हैं.
रेलवे बोर्ड के चेयरमैन सुनीत शर्मा (Suneet Sharma) ने सोमवार को बताया कि पिछले साल जब से महामारी की शुरुआत हुई है, तब से अब तक 1952 कर्मचारियों की मौत हो चुकी है। साथ ही रोजाना 1000 कोरोना संक्रमण के मामले भी विभाग में सामने आ रहे हैं और 2 से 3 सप्ताह में ठीक होकर कर्मचारी वापस ड्यूटी ज्वाइन कर रहे हैं.
रेलवे मंत्रालय (Ministry of Railways) के अनुसार बीमार हुए कर्मचारियों में से 98 फीसदी तक निगेटिव होकर दोबारा से काम लौट चुके हैं. रेलवे अस्पतालों में कोरोना मरीजों के लिए 4000 से करीब बेड उपलब्ध हैं. इनमें रेलवे कर्मचारी और उनके परिजन भर्ती हैं. रेलवे अस्पतालों में कोरोना मरीजों के लिए लगातार बेड बढ़ाए जा रहे हैं.
रेलवे बोर्ड के चेयरमैन सुनीत शर्मा (Suneet Sharma) ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा, ”रेलवे किसी अन्य राज्य या केंद्र शासित प्रदेश से अलग नहीं है। हम भी कोरोना की वजह से प्रभावित हुए हैं। हम ट्रांसपोर्ट के बिजनेस में हैं। हमें एक जगह से दूसरी जगह तक लोग या फिर माल ले जाना पड़ता है। तकरीबन हजार मामले रोजान सामने आ रहे हैं। हमारे पास अपने अस्पताल हैं। हमारे पास काफी बेड्स भी हैं और हमारे पास अपना ऑक्सीजन प्लांट है। हम अपने स्टाफ की केयर कर रहे हैं।” उन्होंने आगे बताया कि अभी तक स्टाफ और उनके परिवार द्वारा तकरीबन चार हजार बेड्स भरे हैं। हम पूरी कोशिश कर रहे हैं कि वे सभी जल्द से जल्द रिकवर हों। कल तक, पिछले साल मार्च से अभी तक कोरोना वायरस की वजह से 1952 लोगों की मौत हो चुकी है।
रेलवे के ऑल इंडिया रेलवेमेन फेडरेशन (AlRF) ने पिछले हफ्ते रेल मंत्री पीयूष गोयल (Piyush Goyal) को लिखे एक पत्र में कोरोनो वायरस संकट के दौरान काम करने वाले रेलकर्मियों के निधन पर फ्रंटलाइन वर्कर्स की तरह ही मुआवजा देने की मांग की थी। पत्र में उन्होंने कहा कि इन लोगों ने मुआवजे के रूप में 50 लाख रुपये दिए जाएं।
ऑल इंडिया रेलवेमेन फेडरेशन (AIRF) के महासचिव शिव गोपाल मिश्रा (Shiva Gopal Mishra) ने कहा कि जहां एक लाख से अधिक लोग वायरस से संक्रमित हुए हैं, 65,000 लोग रिकवर हैं और अपने काम में फिर से शामिल हो गए हैं। वहीं, सुनीत शर्मा ने कहा कि रेलवे सभी रेलकर्मियों की सुरक्षा के बारे में और उनके जोखिम को कम करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए गए हैं।