नानावटी के डॉक्टरों ने दिया जीवन दान
मुंबई-पिछले 17 सालों से लीवर की बीमारी से जूझ रहे एक 22 वर्षीय युवक के लीवर का सफल ट्रांसप्लांट नानावटी अस्पताल में किया गया है. ऑपरेशन से पूर्व कोरोना संक्रमण का शिकार हुए युवक को पहले कोविड से निजात दिलाकर डॉक्टरों ने उसे ऑपरेशन के योग्य बनाया उसके बाद लीवर का सफल ऑपरेशन कर उसे जीवनदान दिया है. यह देश का पहला ऐसा विशेष मामला है जिसमें कोरोना संक्रमित मरीज को स्वस्थ कर उसका लीवर प्रत्यारोपित किया गया है. कोरोना विजेता के इस सफल प्रत्यारोपण को जल्द ही मेडिकल जर्नल में प्रकाशित किया जाएगा।
जानकारी के अनुसार मुंबई का रहने वाला रोशन गुरव पांच साल की उम्र से लीवर की बीमारी से पीड़ित था। पिछले कुछ दिनों से उसकी बीमारी गंभीर हो गई थी। इसलिए डॉक्टरों ने परिवार को यकृत प्रत्यारोपण (लीवर ट्रांसप्लांट) का सुझाव दिया। नानावटी अस्पताल के डॉक्टरों ने उसकी मां के लीवर से प्रत्यारोपण सर्जरी करने का फैसला किया। लेकिन पूर्व-प्रत्यारोपण जांच के दौरान रोशन कोरोना संक्रमित पाया गया. इसलिए डॉक्टरों ने डेढ़ माह के लिए सर्जरी को टाल दिया। अंततः उपचार के बाद रोशन कोरोना मुक्त हुआ. अस्पताल के लीवर ट्रांसप्लांट सलाहकार डॉ. वैभव कुमार ने बताया कि दो गंभीर बीमारियों (लीवर डैमेज और कोरोना संक्रमण) के बावजूद वह एक सप्ताह में ठीक हो गया। अंततः सर्जरी सफल रही और दो सप्ताह के भीतर दोनों को डिस्चार्ज कर दिया गया। सर्जरी एवं लीवर ट्रांसप्लांट विभाग के प्रमुख डॉक्टर अंकुर गर्ग के अनुसार इससे यह साबित होता है कि संक्रामक रोगों के दौरान भी कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले रोगियों को भी उपचार को बेहतर तरीके से स्वस्थ किया जा सकता है। 5 साल की उम्र से रोशन लीवर की बीमारी से पीड़ित था. जिसके चलते उसे पीलिया, पेट में दर्द, उल्टी और पेट में तरल पदार्थ के जमा होने से पीड़ा होती थी. वह पिछले 17 सालों से इस बीमारी से पीड़ित था। रोशन की मां रश्मि गुरव ने बताया कि अब वह नानावटी अस्पताल के डॉक्टरों और नर्सों की मदद से एक सामान्य जीवन जी सकेगा।