अधिक दिनों तक अस्पताल में इलाज कराने वाले मरीजों की भी होती है जांच
ठाणे : मार्च महीने में कोरोना नामक वैश्विक महामारी ने जहां अप्रैल, मई और जून महिने में जमकर कहर ठाणे में मचाया था और आलम यह था कि मरीजों की संख्या इतनी बढ़ गई थी कि बेड और एंबुलेंस कम पड़ रहा था. कई मरीजों को स्वास्थ्य सुविधा और इलाज के अभाव में अपनी जान गवानी पड़ गई थी. लेकिन अब स्थिति बदल चुकी है. ठाणे में न सिर्फ स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूत किया गया बल्कि डिस्चार्ज होने के बाद भी मरीजों का 40 दिनों तक ट्रैक रिकॉर्ड मनपा की तरफ से रखा जाता हैं और उन्हें प्रतिदिन फोन कॉल द्वारा तबियत का अपडेट मनपा के कोविड वॉर रूम द्वारा लिया जाता है. साथ ही एक मरीज कितना दिन पहले अस्पताल में भर्ती हुआ और क्या इलाज चल रहा है इसकी जांच भी मनपा की एक टीम द्वारा अपडेट किया जाता हैं. इससे अस्पतालों द्वारा मरीजों से मनमानी बिल वसूली पर भी लगाम लगा है ठाणे महानगर पालिका की सीमा में अप्रैल, मई और जून महीने में कोरोना इन कहर नजर आया था. प्रतिदिन जहां 400 से 500 के बीच कोरोना के नए संक्रमित मरीज मिल रहे थे तो वहीं प्रतिदिन औसतन 10 से अधिक मरीजों की मौत दर्ज की जा रही थी. ठाणे में परिस्थिति ऐसी हो गई थी कि मरीजों को समय पर न तो अस्पताल तक पहुंचने के लिए एंबुलेंस मिल रहा था औऱ किसी तरह यदि मरीज अस्पताल पहुंच जाता था तो बेड के लिए घँटों इंतजार करना पड़ रहा था. कई मरीजों की तो एंबुलेंस और बेड की कमी के कारण सड़क पर ही मौत होने की घटना भी घट चुकी है.
इन सभी कारणो से ठाणे मनपा प्रशासन की किरकिरी जमकर हुई थी और सत्ता पक्ष को विपक्षी दलों ने घेर रखा था और आरोपों की झड़ी लगी थी. लेकिन मनपा प्रशासन ने जून के अंतिम सप्ताह में आयुक्त विपिन शर्मा के पदभार ग्रहण के बाद उनके नेतृत्व में कोरोना के बढ़ते संक्रमण को कम करने, संक्रमित लोगों की खोज में गति लाने के साथ ही स्वास्थ्य सुविधाओं की उपलब्धता पर विशेष जोर दिया गया. इस दौरान संक्रमित मरीजों की खोज कर उनके संपर्क में आने वाले लोगों को क्वारंटाईन कर और एक भी मरीज का स्वास्थ्य सुविधा की कमी के कारण मृत्यु न हो इसके लिए विशेष प्रयास किया गया. साथ ही एंबुलेंस और बेड की उपलब्धता के साथ-साथ प्रशासन की तरफ से आयुक्त के नेतृत्व में एक बड़ा नेटवर्क बड़ा नेटवर्क खड़ा किया गया. जिसका असर अब नजर आ रहा हैं. इसके साथ ही कोरोना से संक्रमित होने वाले मरीजों का अस्पताल से डिस्चार्ज के बाद भी 40 दिनों तक ट्रैक रिकार्ड रखकर उसका प्रतिदिन अपडेट रखने के अलावा संपर्क में आने वालों का भी सही समय पर टेस्ट करने के कारण अब इस पर अंकुश लगता दिखाई दे रहा हैं.
अधिक टेस्ट के कारण संक्रमितों की खोज जल्दी-विपिन शर्मा
इस संदर्भ में मनपा आयुक्त डॉ विपिन शर्मा का कहना है कि ठाणे मनपा की सीमा में प्रतिदिन 5000 से 6000 के बीच कोविड टेस्ट किये जा ररहे है इसलिए संक्रमितों की खोज जल्दी हो रही हैं. साथ ही 10 दिनों के बाद 11 से 15 दिन, 15 से 20 दिन, 21 से 30 दिन और 30 दिनों से अधिक दिनों तक अस्पताल में भर्ती रहने वाले मरीजों का भी नियमित अस्पताल प्रबंधन द्वारा अपडेट लिया जा रहा है और यदि मरीज भय वश अस्पताल में भर्ती है और डिस्चार्ज नहीं हो रहा था तो उसे मानसिक रूप तैयार कर घर छोड़ा जा रहा है. इसके लिए भी मनपा की एक टीम बनाई गई है जो प्रतिदिन उन्हें अस्पताल में भर्ती मरीजों का अपडेट देती हैं. जिसके आधार पर निर्णय लिया जाता हैं.