पॉवर आउटेज से जागी राज्य सरकार, एक दशक से लटकी थी विद्युत् परियोजना
मुंबई-पिछले दिनों लगभग आधे महाराष्ट्रकी अचानक गुल हुई बिजली ने राज्य में बिजली उत्पादन, रखरखाव एवं व्यवस्था पर सवाल खड़ा कर दिया है. इसको लेकर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की अध्यक्षता में उनके निवास वर्षा पर एक बैठक का आयोजन किया गया. इस अवसर पर सांसद विनायक राउत, मुख्य सचिव संजय कुमार, मुख्यमंत्री के प्रमुख सलाहकार अजोय मेहता, अतिरिक्त मुख्य सचिव आशीष सिंह, प्रमुख सचिव विकास खड़गे, प्रमुख सचिव ऊर्जा असीम कुमार गुप्ता, महा पारेषण के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक दिनेश वाघमारे उपस्थित थे।
बैठक में मुंबई की भविष्य की बिजली जरूरतों को पूरा करने के लिए विक्रोली में प्रस्तावित 400 केवी सब स्टेशन के प्रलंबित कार्य जल्द शुरू कर इसे 2023 तक पूरा करने का निर्देश दिया गया. मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने अधिकारियों से कहा कि जीआईएस उप-केंद्र परियोजना का काम तुरंत शुरू किया जाना चाहिए ताकि 2023 तक पूरा किया जा सके. एक दशक तक परियोजना के निर्माण में देरी के बारे में पूछताछ करने के बाद टाटा पावर ने तुरंत अडानी को साइट हस्तांतरित करने का वादा किया। मुख्यमंत्री ने मुंबई में निजी बिजली कंपनियों को साफ़ कहा कि मुंबई को निर्बाध बिजली आपूर्ति के लिए महत्वपूर्ण इस परियोजना को एक दशक पूर्व मंजूरी दी गई थी, लेकिन इतने वर्षों के बाद भी लटकी है. अब इसमें और देरी नहीं होनी चाहिए। विक्रोली परियोजना से मुंबई के लिए वर्तमान की तुलना में अतिरिक्त 1000 मेगावाट बिजली का आयात करना आसान हो जायेगा। इसके लिए खारघर सबस्टेशन से 400 केवी बिजली लाइन बनाने का प्रस्ताव है।