भाजपा ने लगाया शिवसेना पर विपक्षी दल को विश्वास में नहीं लेने का आरोप
ठाणे :-शहर के व्यापारियों और दुकानदारों को लोकदवन में शिथिलता देने और सम-विषम पद्धति को खत्म कर व्यापारिक प्रतिष्ठानों और दुकानों को सुबह 9 से शाम 7 बजे तक खोले जाने संबधित राहत देने का मुद्दा अब गरमा गया है. और अब श्रेय की लड़ाई शुरू हो गई. विपक्षी दल भाजपा ने इसे लेकर नाराजगी जाहिर किया है. ठाणे भाजपा अध्यक्ष निरंजन डावखरे और विधायक संजय केलकर ने एक संयुक्त बयान जारी किया है. जिसमें उन्होंने आरोप लगाया है कि पालकमंत्री और मनपा प्रशासन ने उक्त निर्णय को लेते समय विपक्षी दलों को विश्वास में नहीं लिया. जबकि इस प्रकरण को सर्वप्रथम भाजपा ने उठाया था और पिछले ४ महीनों से जारी लॉकडाउन को खत्म कर इसे शिथिल करने की मांग की थी. दोनों भाजपा नेताओं का कहना है कि पालकमंत्री एकनाथ शिंदे दोपट्टी भूमिका निभा रहे है. एक तरफ वे कहते है कि कोरोना जैसे आपदा में राजनीति नहीं करना चाहिए वहीँ दूसरी तरफ श्रेय लेने के लिए गुपचुप तरीके से महापौर की अध्यक्षता में मनपा आयुक्त की उपस्थिति में शहर के व्यापारियों की बैठक लिए और विपक्षी दाल भाजपा को विश्वास में नहीं लिए. जोकि नियम के विरुद्ध है.
मनपा किसी की जागीर नहीं-निरंजन डावखरे
ठाणे भाजपा अध्यक्ष व् विधायक निरंजन डावखरे ने पालकमंत्री एकनाथ शिंदे और सत्ता पक्ष शिवसेना पर जमकर हमला बोलते हुए कहा कि मनपा किसी की जागीर नहीं है. डावखरे ने कहा कि मुंबई में 5 अगस्त से लॉकडाउन में शिथिलता दिए जाने के बाद सवर्प्रथम व्यापारियों और दुकानदारों की आर्थिक स्थिति को देखते हुए इस संदर्भ में भाजपा ने मनपा युक्त को मिलकर ज्ञापन दिया था और व्यापारियों को राहत देने का निवेदन दिया था. लेकिन इस दौरान शिवसेना के नेता शांत बैठे थे. लेकिन, गुरुवार को ली बैठक में ऐसा नजर आया कि पालकमंत्री और इनके शिलेदार सभी सिर्फ श्रेय लेने के लिए अन्य दलों के नेताओं को विश्वास में लेना ही उचित नहीं समझे और न ही शहर के भाजपा विधायक और मनपा गटनेता को ही इस बैठक में बुलाया गया.
कोरोना के संक्रमण को कम करने के लिए करेंगे राजनीति
ठाणे के भाजपा विधायक संजय केलकर ने कहा कि अब कोरोना का संक्रमण धीरे-धीरे कम हो रहा है और मृत्यु दर के साथ ठीक होने वाले मरीजों का प्रमाण भी बढ़ा है. ऐसे में कुछ दिनों में ठाणे से कोरोना हद्द पार हो जाएगा और इसका श्रेय भी सत्ताधारी शिवसेना और पालकमंत्री लेने से नहीं चूकेंगे. लेकिन ठाणे की जनता सब जानती है कि किसने कोरोना को लेकर लड़ाई लड़ी और इसे खत्म करने के लिए सड़कों पर उतरे.
“गलतियां हुई तो सत्ता पर आरोप-प्रत्यारोप करने का और एकाध अच्छा काम होता है उसका श्रेय लेने के लिए सबसे आगे भाजपा आती है. यह उसका दोहरा चरित्र है. मनपा चुनाव में दोनों दल अलग लड़े है शायद यह भाजपा भूल रही है और मनपा कीसी की जागीर नहीं और हम जागीरदार भी नहीं. लेकिन जनता ने जो उन्हें जनमत दिया है और जनता के हितों के लिए शिवसेना हमेशा काम करती रही है और करती रहेगी. भाजपा के प्रेस विज्ञप्ति में ही श्रेय की राजनीति झलक रही है. यदि विपक्षी दल भाजपा ठाणे में बढ़ रहे कोरोना के सांक्रमण को रोकने के लिए जबरन लॉकडाउन ठाणे करों पर लागू करने के आरोप के पिंजरे में खड़ी कर रही है तो वहीँ लॉकडाउन के काल में कम इस वैश्विक महामारी पर अंकुश लगाने का श्रेय भी सत्ताधारी शिवसेना पर देना चाहिए. लेकिन भाजपा अब अपने मूल उद्देश्य से भटक चुकी है और अनायास ही आरोप-प्रत्यारोप लगा रही है.”-नरेश म्हस्के (महापौर,ठाणे)