गुजरात की सूरत (पूर्व) विधानसभा सीट से आप के उम्मीदवार कंचन जरीवाला के नामांकन वापस ले लिए जाने की खबर के बाद अब उनकी सफाई आई है. कंचन जरीवाला ने बयान जारी कर कहा है कि उन्होंने स्वेच्छा से अपना नामांकन वापस लिया है. उन्होंने दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया समेत आप के तमाम नेताओं के आरोपों को भी खारिज कर दिया. जिसमें जरीवाला को किडनैप करने और परिवार वालों को धमकी मिलने जैसे गंभीर आरोप लगाए गए थे.
उन्होंने मीडिया चैनल से बात करते हुए कहा कि भाजपा ने उनपर किसी तरह का कोई दबाव नहीं बनाया था और न ही किसी ने उन्हें अगवा किया था. उन्होंने साफ किया कि नामांकन वापस लेने के लिए उनपर भाजपा दबाव नहीं बनाया.
उन्होंने कहा कि किसी के दबाव में नामांकन वापस नहीं लिया है और ना इसके लिए उनका या उनके परिवार का अपहरण किया गया था. पार्टी की अंदरूनी गुटबाजी और लोगों के आम आदमी पार्टी के खिलाफ आने वाले ओपिनियन के चलते और पारिवारिक कारणों के चलते नामांकन वापस लिया है.

उन्होंने कहा कि मेरा फॉर्म भरने के बाद मैंने लोगों से और समाज के लोगों से बात की. मैंने अपने चुनाव प्रचार के दौरान भी लोगों से बात की. उन्होंने कहा कि वो मेरा इसलिए सपोर्ट नहीं करेंगे, क्योंकि मै आम आदमी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ रहा हूं. मैं अपने समाज के लोगों के पास गया तो उन्होंने बोला कि ये राष्ट्रीय विरोधी पार्टी है. इसलिए मैं मानसिक तनाव में चला गया था. इसलिए मैंने उम्मीदवारी वापस लेने का मन बनाया.
परिवार के साथ घर से गायब होने के सवाल पर जरीवाला ने कहा कि मेरे घर पर लोगों के फोन पर फोन आ रहे थे. इसलिए परिवार पर भी मानसिक तनाव बढ़ रहा था, इसलिए मैं परिवार के साथ अपने रिश्तेदारों के यहां चला गया था. जरीवाला ने कहा कि इस मुद्दे पर मैं पार्टी के साथ अपना पक्ष साफ करूंगा.
आप ने भाजपा पर लगाया दबाव डालने का आरोप
बता दें कि कंचन जरीवाला के गायब होने को लेकर आप ने भाजपा पर आरोप लगाया था कि जरीवाला को धमकाकर अगवा कर लिया गया है और उनपर जबरन नामांकन वापसी का दबाव बनाया गया। यहां तक कि आप नेता मनीष सिसोदिया ने कंचन जरीवाला वाले मामले में दिल्ली में चुनाव आयोग के दफ्तर के बाहर धरना दिया। सिसोदिया ने आरोप लगाया था कि सूरत(पूर्व) विधानसभा सीट से आप के उम्मीदवार कंचन जरीवाला पर भाजपा ने पहले नामांकन वापस लेने का दबाव बनाया और बाद में उनको परिवार सहित अगवा कर लिया।