पश्चिम बंगाल (West Bengal) के मुख्य सचिव अलापन बंदोपाध्याय (Alapan Bandyopadhyay) को केंद्र सरकार द्वारा दिल्ली बुलाए जाने के बाद खड़े हुए विवाद के बीच सोमवार को वे रिटायर हो गए हैं। ममता बनर्जी ने उन्हें अपना मुख्य सलाहकार नियुक्त किया है।
अलपन बंद्योपाध्याय (Alapan Bandyopadhyay) को आज सुबह 10 बजे दिल्ली में नार्थ ब्लॉक में रिपोर्ट करना था, लेकिन वो नहीं आए. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक केंद्र सरकार ने उन्हें (show cause notice) जारी किया है. इस बीच मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने IAS अलपन को मुख्य सलाहकार बनाया है.
ममता बनर्जी ने यह स्पष्ट कर दिया था कि वह अपने राज्य के कोविड की लड़ाई के बीच अलापन को केंद्र में ट्रांसफर करने के केंद्र के आदेश का पालन नहीं करेंगी। उन्होंने बताया कि बंदोपाध्याय के रिटायर होने के बाद एचके द्विवेदी बंगाल के नए मुख्य सचिव होंगे।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने कहा, ”उन्होंने कोई वजह नहीं दी थी। मैं हैरान हूं। मैंने फैसला किया है कि कोरोना के समय में हमें उनकी सेवाओं की जरूरत होगी। चाहे वह कोरोना हो या फिर यास, वे गरीबों, राज्य और देश के लिए अपनी सेवाओं को जारी रखेंगे।”
इससे पहले, ममता बनर्जी ने केंद्र के आदेश को असंवैधानिक करार देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) को पत्र लिखकर यह आदेश वापस लेने का अनुरोध किया था। बनर्जी ने कहा था कि उनकी सरकार बंदोपाध्याय को कार्यमुक्त नहीं कर रही है। बनर्जी ने प्रधानमंत्री को भेजे पांच पन्नों के पत्र में, मुख्य सचिव को तीन माह का सेवा विस्तार दिए जाने के बाद, उन्हें वापस बुलाने के केंद्र सरकार के फैसले पर पुन:विचार करने का अनुरोध किया है। बनर्जी ने कहा कि वह केंद्र के फैसले से स्तब्ध हैं। उन्होंने आदेश को एकपक्षीय करार दिया जो राज्य सरकार से बिना कोई परामर्श किए जारी किया गया।
पूरा विवाद पिछले हफ्ते शुरू हुआ था जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यास चक्रवात से हुए बंगाल में नुकसान का जायजा लेने पहुंचे थे। इस दौरे के दौरान हुई एक समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और बंगाल के मुख्य सचिव अलापन के देरी से पहुंचने के बाद विवाद शुरू हो गया था। केंद्रीय मंत्रियों से लेकर बीजेपी नेताओं तक ने ममता बनर्जी पर हमला बोला था। बाद में केंद्र सरकार ने मुख्य सचिव अलापन का ट्रांसफर दिल्ली कर दिया था।