गोवा में भाजपा को सोमवार को डबल झटका लगा। विधानसभा चुनाव के पहले राज्य के कैबिनेट मंत्री व विधायक माइकल लोबो ने इस्तीफा दे दिया। लोबो के इस्तीफे के बाद शाम होते-होते एक अन्य भाजपा विधायक प्रवीण जान्त्ये ने भी विधायक पद से इस्तीफा देकर पार्टी छोड़ दी.
प्रवीण के पिता हरीश भी कांग्रेस के सांसद रहे हैं। वह 1991 से 1996 तक उत्तरी गोवा संसदीय सीट से सांसद थे। 2012 में कांग्रेस से विधानसभा चुनाव में टिकट न मिलने के बाद प्रवीण ने पार्टी छोड़ दी थी।
प्रवीण ने 2012 में निर्दलीय चुनाव लड़ा था। इसके बाद वह 2017 में भाजपा में शामिल हो गए थे और अब भगवा दल भी छोड़ रहे हैं। भाजपा छोड़ते हुए प्रवीण ने कहा कि अब यह पार्टी वह नहीं रह गई है, जो मनोहर पर्रिकर दौर में हुआ करती थी।
प्रवीण ने कहा, ‘मैं पूर्व सीएम मनोहर पर्रिकर के कहने पर पार्टी में शामिल हुआ था। लेकिन अब भाजपा वैसी नहीं रह गई है, जैसी वह उनके दौर में हुआ करती थी।’ उन्होंने कहा कि भाजपा युवाओं को रोजगार देने में और खनन आदि की शुरुआत करने में फेल रही है। उन्होंने कहा कि वादे पूरे न होने के चलते मेरी ही विधानसभा के युवा निराश हैं। प्रवीण ने कहा कि मैं महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी में शामिल होने जा रहा हूं.
इस्तीफा देने के बाद लोबो ने उम्मीद जताई कि गोवा के कलंगट विधान सभा क्षेत्र की जनता मेरे इस फैसले का सम्मान करेगी। अगले कदम के बारे में जल्द निर्णय करेंगे। मेरी अन्य दलों के साथ बातचीत चल रही है। जिस तरह से व्यवहार हो रहा था उससे मैं दुखी हूं। पार्टी के कार्यकर्ता भी खुश नहीं हैं।
लोबो ने कहा कि वह कई राजनीतिक दलों के साथ बातचीत कर रहे हैं, लेकिन उनका भविष्य क्या है, इस पर कोई फैसला नहीं हुआ है। लोबो, प्रमोद सावंत कैबिनेट के अधिक मुखर सदस्यों में से एक थे। इस्तीफा देने वाले तीसरे ईसाई विधायक हैं। उनका कहना है कि पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के निधन के बाद से पार्टी ने एक अलग मोड़ लिया है।
अब तक चार विधायकों ने छोड़ी भाजपा
भाजपा छोड़ने वाले प्रवीण चौथे विधायक हैं। उनसे पहले माइकल लोबो ने पार्टी छोड़ी थी। इसके अलावा अलीना साल्दानहा ने आम आदमी पार्टी का दामन थामा है, जबकि कार्लोस अल्मीडा ने कांग्रेस जॉइन की है। हालांकि माइकल लोबो ने अभी यह उजागर नहीं किया है कि वह किस पार्टी में जाने वाले हैं।