राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार ने कहा है कि उन्हें चुनावी हलफनामों को लेकर आयकर विभाग का नोटिस मिला है. पवार ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि उन्हें 2004, 2009, 2014 और 2020 के चुनाव के दौरान दायर हलफनामों के संबंध में आयकर से नोटिस मिला है.
शरद पवार ने तंज कसते हुए इसे एक ‘प्रेम पत्र’ (लव लेटर) बताया। उन्होंने कहा, ”मुझे 2004, 2009, 2014 और 2020 में दायर चुनावी हलफनामों से संबंधित एक प्रेम पत्र, आयकर विभाग से एक प्रेम पत्र मिला है।.”
पवार ने ट्वीट करते हुए भी आईटी की तरफ से नोटिस की जानकारी दी. उन्होंने लिखा, ‘मैं 2009 में लोकसभा के लिए चुनाव लड़ा था. 2009 के बाद मैं 2014 के राज्यसभा चुनाव के लिए खड़ा हुआ था. और अब 2020 के राज्यसभा चुनाव के हलफनामे को लेकर भी मुझे नोटिस आया है. सौभाग्य से मेरे पास उसकी सारी जानकारी क्रम में है.’ हालांकि पवार ने अधिक जानकारी नहीं दी.
पवार ने केंद्र पर जांच एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए लिखा, ‘ईडी और केंद्रीय एजेंसियों की मदद का इस्तेमाल आजकल हो रहा है और इसके नतीजे दिख रहे हैं. विधानसभा के कई सदस्यों का कहना है कि उन्हें जांच के नोटिस मिले हैं. ये नया तरीका शुरू हो गया है. हम पांच साल पहले ईडी का नाम तक नहीं जानते थे. आज गांवों में भी लोग मजाक में कहते हैं कि तुम्हारे पीछे ईडी लगा होगा.’
पवार ने आगे कहा कि इस प्रणाली का इस्तेमाल अलग-अलग राजनीतिक विचारों वाले लोगों के लिए किया जाता है. उन्होंने आगे लिखा है, ‘मुझे इनकम टैक्स से भी ऐसा ही एक लव लेटर मिला है.
राज्य राकांपा के मुख्य प्रवक्ता महेश तापसे ने आईटी नोटिस की टाइमिंग पर समय सवाल उठाया है. उन्होंने एक ट्वीट में कहा, ”महाराष्ट्र सरकार में बदलाव के बाद पार्टी अध्यक्ष शरद पवार को 2004, 2009, 2014 और 2020 के चुनावी हलफनामों के लिए आईटी नोटिस मिला है. क्या यह महज संयोग है या कुछ और?”