कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा (Karnataka Chief Minister BS Yediyurappa) ने सोमवार को भावुक होकर अपने पद से इस्तीफा देने का ऐलान किया. सरकार के दो साल पूरे होने के मौके पर येदियुरप्पा विधानसभा में भाषण दे रहे थे। येदियुरप्पा ने इस दौरान कहा कि उन्होंने सीएम पद से इस्तीफा देने का फैसला किया है।
इस दौरान वह रो पड़े और कहा कि उन्होंने हमेशा अग्निपरीक्षा दी है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि पिछले दो वर्षों से राज्य की सेवा करना उनके लिए सम्मान की बात है. इसके बाद वह राज्यपाल के आवास पहुंचे औैर इस्तीफा दे दिया। गवर्नर से मुलाकात के बाद निकले येदियुरप्पा ने कहा कि मेरा इस्तीफा स्वीकार हो गया है।
ध्यान देने वाली बात यह है कि आज ही येदियुरप्पा की सरकार बने दो साल पूरे हुए हैं। इससे पहले बीएस येदियुरप्पा ने पुराने दिन याद करते हुए भावुक अंदाज में कहा, ‘जब अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री थे तो उन्होंने मुझे केंद्र में मंत्री बनने को कहा था लेकिन मैंने कर्नाटक में रहना चुना।’
बीएस येदियुरप्पा ने कहा कि पंडित दीन दयाल, श्यामा प्रसाद मुखर्जी, अटल जी, आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी से लेकर सबसे बड़े नेताओं ने उन्हें राष्ट्र की सेवा के लिए खुद को समर्पित करने के लिए प्रेरित किया है. उन्होंने कहा कि उन्हें पीएम मोदी, अमित शाह और जेपी नड्डा का भी अपार प्यार और समर्थन मिला है. उन्होंने कहा कि अंत्योदय के माध्यम से सर्वोदय हमारी पार्टी का मार्गदर्शक दर्शन रहा है.
येदियुरप्पा ने 75 साल से अधिक आयु होने के बावजूद उन्हें दो साल मुख्यमंत्री के रूप में सेवा करने का अवसर देने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का धन्यवाद किया. बीजेपी में 75 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को निर्वाचित कार्यालयों से बाहर रखने का अलिखित नियम है. सीएम ने कहा कि वह केंद्रीय नेताओं की उम्मीदों के मुताबिक पार्टी को मजबूत करने के लिए काम करेंगे.
येदियुरप्पा ने कहा कि उन्होंने दो साल कठिन परिस्थितियों में राज्य सरकार का नेतृत्व किया. उन्हें शुरुआती दिनों में मंत्रिमंडल के बिना प्रशासन चलाना पड़ा और इसके बाद राज्य को विनाशकारी बाढ़ और कोरोना वायरस समेत कई समस्याएं झेलनी पड़ीं.
इस बीच बीजेपी चीफ जेपी नड्डा ने राज्य के प्रभारी अरुण सिंह से हालात पर चर्चा की है। राज्य में नए सीएम के चुनाव के लिए जल्दी ही पर्यवेक्षकों की नियुक्ति हो सकती है, जो राज्य में विधायक दल की मीटिंग में हिस्सा लेंगे। इस बैठक के दौरान ही बीएस येदियुरप्पा के विकल्प के तौर पर नए सीएम का ऐलान किया जा सकता है।