महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने अपने करीबियों से अपना पद और जिम्मेदारी से मुक्त होने की इच्छा जाहिर की है. विवादास्पद टिप्प्णियों के चलते मचे बवाल आहत कोश्यारी अपने गृह राज्य उत्तराखंड (Uttarakhand) वापस लौटना चाहते हैं. इस बात की जानकारी उनके करीबी सूत्रों से मिली है. महाविकास अघाड़ी, बीजेपी सांसद उदयन राजे भोसले और राज्य में सत्तारूढ़ बीजेपी के पूर्व सांसद संभाजीराजे छत्रपति के बढ़ते दबाव के बीच राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी बैकफुट पर नजर आ रहे हैं.
महाराष्ट्र में गर्वनर भगत सिंह कोश्यारी के शिवाजी महाराज पर दिए गए बयान पर विवाद के बाद सूत्रों के हवाले से ये खबर सामने आई है कि वो अपना पद छोड़कर वापस अपने गृह राज्य उत्तराखंड जाना चाहते हैं. दरअसल, शिवाजी महाराज पर दिए गए उनके बयान के बाद उन्हें चौतरफा आलोचना का सामना करना पड़ रहा है. एसनसीपी प्रमुख शरद पवार ने भी कोश्यारी के कमेंट को लेकर तीखी टिप्पणी की. शरद पवार ने कहा कि राज्यपाल ने सारी हदें पार कर दी हैं. उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री से इस मामले में हस्तक्षेप करने की गुजारिश की.
विपक्ष के अलावा राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को उनके बयान को लेकर कड़ी आलोचना का झेलनी पड़ी है. बीजेपी सांसद छत्रपति उदयनराजे भोसले गांव ने भी राज्यपाल कोश्यारी के बयान पर आपत्ति जताई है. उन्होंने कहा कि राज्यपाल को दिल्ली तलब किया गया है. उन्होंने राज्यपाल को उनके पद से हटाए जाने की संभावना भी जताई थी.
दरअसल, कोश्यारी ने एक कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और एनसीपी नेता शरद पवार को डॉक्टरेट की मानद उपाधि प्रदान करते समय शिवाजी पर टिप्पणी की थी. कोश्यारी ने कहा था कि हम जब पढ़ते थे मिडिल में, हाईस्कूल में तो हमारे टीचर हमको वो देते थे, हू इज अवर फेवरेट हीरो. ऐसा, आपका फेवरेट लीडर कौन है, तो हम लोग उस समय, जिसको सुभाष चंद्र बोस अच्छे लगे उनको, जिनको नेहरू जी अच्छे लगे, जिनको गांधी जी अच्छे लगते थे.
उन्होंने आगे कहा कि मुझे ऐसा लगता है अगर कोई आपसे कहे कि हू इज योर आइकन, हू इज योर फेवरेट हीरो, बाहर जाने की कोई जरूरत नहीं है, यहीं महाराष्ट्र में आपको मिल जाएंगे. शिवाजी तो पुराने युग की बात हैं, मैं नए युग की बात बोल रहा हूं, कहीं मिल जाएंगे. डॉक्टर अंबेडकर से लेकर के डॉक्टर गडकरी तक. नितिन गडकरी साब तो यहीं मिल जाएंगे.