भाजपा की दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक आज से शहर में शुरू हो रही है। पीएम भी पहुंच रहे हैं। तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव (K Chandrashekar Rao) आज छह महीने में तीसरी बार हैदराबाद एयरपोर्ट पर पीएम नरेंद्र मोदी की अगवानी नहीं करेंगे। आमतौर पर प्रोटोकॉल देखा जाता है कि राज्य के सीएम खुद एयरपोर्ट पर पीएम का वेलकम करने के लिए पहुंचते हैं।
KCR की नाराजगी की एक वजह यह हो सकती है कि भाजपा और खुद पीएम मोदी ने दक्षिणी राज्य तेलंगाना पर फोकस बढ़ा दिया है। भाजपा नेता राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में तेलंगाना के मुख्यमंत्री को सत्ता से बाहर करने समेत कई मुद्दों पर चर्चा करने वाले हैं। ऐसे में पीएम का वेलकम करने के लिए आज एयरपोर्ट पर टीआरएस का केवल एक मंत्री मौजूद रहेगा।
महत्वपूर्ण यह है कि सीएम समेत बाकी मंत्रियों की टीम यशवंत सिन्हा को रिसीव करेगी। केसीआर का तल्ख रवैया ऐसे समय में सामने आ रहा है जब राष्ट्रपति चुनाव दो हफ्ते बाद होने हैं और उन्होंने विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को सपोर्ट करने का ऐलान किया है।
पीएम मोदी की अगवानी के लिए केवल एक मंत्री
पीएम मोदी के पहुंचने से कुछ घंटे पहले सिन्हा बेगमपेट एयरपोर्ट पहुंचेंगे। वहां उनका राज्य सरकार की ओर से भव्य स्वागत किया जाएगा। खुद सीएम केसीआर और उनके सारे मंत्री इस मौके पर मौजूद रहेंगे। उधर, पीएम मोदी की अगवानी के लिए राज्य सरकार की ओर से केवल एक मंत्री एयरपोर्ट जाएगा। सरकार की ओर से जारी प्रोटोकॉल सूचना में बताया गया कि एनिमल हसबेंड्री (पशुपालन) मंत्री तलसानी श्रीनिवास यादव प्रधान मंत्री का हैदराबाद में स्वागत करेंगे।
इससे पहले भी दो बार नहीं की मोदी की अगवानी
इससे पहले जब मोदी हैदराबाद में आईएसबी के 20वें वार्षिक दिवस समारोह और बिजनेस स्कूल के स्नातक समारोह(graduation ceremony) में भाग लेने के लिए 26 मई को हैदराबाद पहुंचे थे, तब भी तेलंगाना के मुख्यमंत्री चंद्रशेखर उनसे नहीं मिले थे। उस समय वे देवगौड़ा से मिलने बैंगलोर निकल गए थे। इससे पहले 5 फरवरी को मोदी जब मुचिन्तल में मूर्ति statue of equality मूर्ति का अनावरण करने के लिए हैदराबाद पहुंचे थे, तब भी केसीआर ने कहा था कि वे कोविड-19 से पीड़ित हैं।
18 साल बाद हैदराबाद में हो रही भाजपा कार्यकारिणी की बैठक
हैदराबाद में 18 साल बाद पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हो रही है। इसमें देशभर से करीब 350 सदस्य शामिल होंगे। बैठक के बाद 3 जुलाई को पीएम मोदी की जनसभा भी होगी। तेलंगाना में के चंद्रशेखर राव सरकार को लेकर भाजपा के तेवर आक्रामक बने हुए हैं। भाजपा का आरोप है कि राव अपने 3000 दिन से अधिक के कार्यकाल के दौरान 30 घंटे भी दफ्तर में नहीं बैठे। आरोप लगाए जा रहे हैं कि वे रंगीन शामें बिताने, अपने पारिवारिक शासन को बढ़ावा देने के चलते सरकार पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। तेलंगाना में 119 विधानसभा क्षेत्रों की जमीनी हकीकत जानने भाजपा सर्वे करा रही है, ताकि इस सरकार को घेरा जा सके।
तेलंगाना में भाजपा का बढ़ रहा जनाधार
कभी टीआरएस के भाजपा से मधुर संबंध हुआ करते थे लेकिन मोदी सरकार के 2019 में फिर से सत्ता में आने के बाद दोनों दलों के रिश्तों में धीरे-धीरे खटास आने लगी। भाजपा नेताओं ने आरोप लगाया कि राज्य में पार्टी की संभावित वृद्धि को भांपने के बाद राव ‘हताश’ हैं। तेलंगाना में चार लोकसभा सीटें जीतकर सबको हैरत में डालने के बाद भाजपा ने राज्य में विपक्ष की जगह भरने की कोशिश की है। साथ ही, उसने विधानसभा उपचुनाव की दो अहम सीटों पर जीत दर्ज की और हैदराबाद नगर निगम चुनावों में भी अच्छा प्रदर्शन किया।
केसीआर 2014 से तेलंगाना में सत्ता में हैं। दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी के लिए हैदराबाद पहुंचे भाजपा के कुछ नेताओं ने राव की तुलना शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे से की और कहा कि राज्य के मुख्यमंत्री का महाराष्ट्र के नेता जैसा हश्र होगा। यह बैठक उद्धव सरकार के सत्ता से बाहर होने और भाजपा+शिवसेना के बागी गुट की अगुआई वाले गठबंधन के शपथ ग्रहण के तुरंत बाद हो रही है।