मुंबई कांग्रेस के अध्यक्ष की तलाश जारी
मनपा चुनाव अकेले लड़ने की कर रही तैयारी
मुंबई- हालांकि मुंबई महानगरपालिका का चुनाव फरवरी 2022 में होगा लेकिन मनपा की सत्ता पर कब्जा करने की तैयारी में सभी राजनीतिक दल जुट गए हैं. मुंबई भाजपा के बिगुल फूंकते ही अब कांग्रेस में भी मनपा चुनाव को लेकर सुगबुगाहट शुरू हो गयी है. जबकि मुंबई कांग्रेस को अभी तक अपना पूर्णकालिक अध्यक्ष का पता नहीं है. इसके बावजूद कांग्रेस मनपा का चुनाव अकेले के दम पर लड़ने की तैयारी कर रही है।
मनपा में विरोधी पक्ष नेता रवि राजा ने महाराष्ट्र कांग्रेस प्रभारी एच. के. पाटिल से मनपा का चुनाव अकेले लड़ने की मांग की है. राजा ने पाटिल को बताया कि कांग्रेस के पदाधिकारी और कार्यकर्ता अकेले दम पर लड़ने की बात कर रहे हैं. सूत्रों के अनुसार मुंबई में कांग्रेस को नियमित अध्यक्ष देने को लेकर बैठक चल रही है, लेकिन बैठक में मनपा चुनाव के मुद्दे पर विशेष चर्चा की जा रही है।
उल्लेखनीय है की राज्य में महाविकास आघाड़ी की सरकार की स्थापना होने के बाद एक ओर राकांपा अध्यक्ष शरद पवार सहित पार्टी के कई नेता मनपा चुनाव महाआघाड़ी गठबंधन के तत्वावधान में लड़ने की बात कह रहे हैं। शरद पवार की शिवसेना नेताओं के साथ महाविकास आघाड़ी मिलकर चुनाव लड़ने की बैठक भी हुई थी। सूत्र कहते हैं कि कांग्रेस के कुछ बड़े नेता यह मान रहे है कि मनपा चुनाव महाविकास आघाड़ी को मिलकर लड़ना चाहिए। इसी बीच मंगलवार को मनपा विरोधी पक्ष नेता रवि राजा से महाराष्ट्र प्रभारी एच. के. पाटिल ने मुलाकात की, जिसमें भी मनपा चुनाव को लेकर चर्चा हुई। रवि राजा ने मनपा चुनाव स्वतंत्र लड़ने की बात प्रभारी से कही. उन्होंने कहा कि स्वतंत्र लड़ने की मांग स्थानीय कार्यकर्ता और पदाधिकारी कर रहे हैं. उन्होंने पाटिल से कहा कि मनपा चुनाव महाविकास आघाड़ी के साथ मिलकर लड़ा तो पार्टी को बड़ा नुकसान उठाना पड़ेगा।
मनपा में हम विरोधी पक्ष में हैं और हमे मनपा चुनाव स्वतंत्र ही लड़ना चाहिए। गठबंधन का निर्णय आखिरकार पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को तय करना है, लेकिन कार्यकर्ताओं भावना की जानकारी रखना भी जरूरी है। मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष चुनने के लिए पिछले चार-छह महीनों से नेताओं में जोर आजमाईश की जा रही थी लेकिन बिहार चुनाव में पार्टी की जो दुर्गति हुई उससे सब ठंडे पड़ गए हैं। प्रभारी एच. के. पाटिल ने मंगलवार की विधानसभा, विधान परिषद सदस्य सहित पार्टी के विभिन्न यूनिट के पदाधिकारियों से दो अलग-अलग बैठके की जिसमें पहले तत्काल मुंबई अध्यक्ष बदलने की मांग की गई।
गठबंधन का फायदा कांग्रेस को ही मिला
मनपा चुनाव के आंकड़े बताते हैं कि जब जब कांग्रेस ने गठबंधन में चुनाव लड़ा उसे लाभ मिला लेकिन जब भी अकेले लड़ा घाटे में रही. कांग्रेस और राकां ने 2012 का मनपा चुनाव गठबंधन में लड़ा था, उस समय कांग्रेस के 52 तो रांकपा के 14 नगरसेवक चुन कर आए थे। लेकिन 2017 के मनपा चुनाव में कांग्रेस और राकां ने अलग-अलग लड़ा तो कांग्रेस 32 पर सिमट गई जबकि रांकपा के 8 नगरसेवक चुनकर आए। इस तरह से मुंबई मनपा चुनाव में अभी तक कांग्रेस को ही गठबंधन का फायदा मिला है।