मुंबई
NCP चीफ शरद पवार ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अक्टूबर 2019 के विधानसभा चुनावों में खंडित जनादेश आने के बाद महाराष्ट्र में एनसीपी-भाजपा की गठबंधन सरकार के लिए उत्सुक थे। पवार ने द इंडियन एक्सप्रेस ग्रुप के ‘लोकसत्ता’ मराठी दैनिक की ओर से लॉन्च की गई एक कॉफी टेबल बुक, ‘अष्टावधानी’ के विमोचन पर पीएम के साथ 20 नवंबर, 2019 को अपनी बैठक का किस्सा सुनाया।
‘मोदी ने सुप्रिया को कैबिनेट का दिया था ऑफर’
पवार ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किस तरह से चाहते थे कि एनसीपी-भाजपा एक साथ काम करे। यहां तक कि उन्होंने उनकी बेटी और बारामती सांसद सुप्रिया सुले को केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल करने की पेशकश की। पवार ने घटना को याद करते हुए कहा, ‘गठबंधन के बारे में चर्चा हुई थी। मैंने पीएम को उनके कार्यालय में ही कहा था कि यह संभव नहीं है। मैं उन्हें अंधेरे में नहीं रखना चाहता था।’
संसद भवन में हुई थी मीटिंग, मलिक भी थे मौजूद
एनसीपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री नवाब मलिक ने बयान का समर्थन करते हुए कहा कि यह संसद भवन में हुआ था और वह भी तब मौजूद थे। मलिक ने कहा, ‘हां… पीएम की ओर से एक प्रस्ताव आया था और हमने अपनी पार्टी में इस पर चर्चा की और इसके खिलाफ फैसला किया… फिर पवार साहब ने इसे पीएम को बताया।’ पवार ने महसूस किया कि भाजपा की पेशकश आ सकती है क्योंकि उस समय कांग्रेस-एनसीपी के बीच मतभेद थे, लेकिन शिवसेना तीन-पक्षीय गठबंधन के लिए आगे आई।
मैं काम को अधूरा नहीं छोड़ता…
यह पूछे जाने पर कि क्या एनसीपी प्रमुख ने पीएम के साथ अपनी बैठक के तीन दिन बाद अपने भतीजे अजीत पवार को 80 घंटे वाली सरकार बनाने के लिए भेज दिया था, जहां भाजपा के देवेंद्र फडणवीस ने सीएम के रूप में सुबह-सुबह शपथ ली थी। इसपर पवार ने चुटकी लेते हुए कहा, ‘अगर ऐसा होता, तो मैं काम को अधूरा नहीं छोड़ता!’