यूपी में विधानसभा चुनाव (UP Vidhansabha chunav 2022) से पहले कांग्रेस की ओर से महिला मैराथन (women marathan) के जरिए यूपी के महिला वर्ग को साधने का प्रयास किया गया। बरेली में मंगलवार को कांग्रेस की ‘लड़की हूं, लड़ सकती हूं’ मैराथन आयोजित किया गया। इस दौरान यहां भगदड़ जैसे हालात देखने को मिला।
बता दें कि उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के आह्वान पर बरेली में भी चार जनवरी को मैराथन का आयोजन किया. लेकिन इस दौरान भगदड़ मच गई। इतना ही नहीं कई लड़कियां दबकर घायल भी हो गई। वीडियो में देखा जा सकता है कि मैराथन के दौरान लड़कियों की चीख पुकार सुनाई दे रही है और कई बच्चियों के जूते चप्पल सड़क पर बिखरे हुए है।
सोशल मीडिया पर इस दौरान का वीडियो खूब वायरल हो रहा है। इसमें देखा जा सकता है कि कई महिलाओं और किशोरियों के चेहरे से मास्क भी गायब था। बिना मास्क के मैराथन में हिस्सा लेने वाली किशोरियों की काफी संख्या थी। जैसे ही दौड़ शुरु हुई, आगे की कुछ महिलाएं गिर गई। जिसके बाद पीछे से आ रही भीड़ रुक नहीं रही थी।
हालांकि, वहां खड़े कई लोगों ने भीड़ को रोकने की कोशिश की। लेकिन फिर भी करीब 20 लड़कियां जमीन पर गिर गई थीं. इस भगदड़ में कई छात्राएं गिर गईं, जिससे कइयों को चोट पहुंची है। इसमें घायल तीन लड़कियों को जिला अस्पताल इलाज के लिए भेजा गया है।
हादसे पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस नेता और बरेली की पूर्व मेयर सुप्रिया आरोन ने बेतुका बयान दे डाला है। सुप्रिया ऐरन ने कहा, ”जब वैष्णो देवी में भगदड़ मच सकती है ये तो बच्चियां है, ये इंसानी फितरत होती है, लेकिन मैं मीडियाकर्मियों से माफी मांगती हूं, ये साजिश भी हो सकती है, कांग्रेस के बढ़ते जनाधार की वजह से इस तरह की साजिश हो सकती है।” वहीं, लखनऊ में कांग्रेस नेताओं ने इसे भाजपा राज्य सरकार द्वारा रची गई साजिश करार दिया.
उप्र की भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कांग्रेस के प्रवक्ता अशोक सिंह ने कहा, “यह भाजपा सरकार द्वारा रची गई साजिश थी। स्थानीय जिला प्रशासन को पता था कि मैराथन हो रही है, लेकिन उन्होंने सहयोग नहीं किया।” उन्होंने कहा कि यह स्थिति “स्थानीय प्रशासन की ओर से ढिलाई का नतीजा” है। उन्होंने कहा, “सुरक्षा की दृष्टि से जिला प्रशासन ने सहयोग नहीं किया और पूरी घटना में भाजपा की साजिश नजर आ रही है।” वहीं, मामले की जानकारी होते ही कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंची और पड़ताल शुरू कर दी है.