पूर्व केंद्रीय मंत्री आरपीएन सिंह (RPN Singh) के बीजेपी में शामिल होते ही यूपी कांग्रेस (UP Congress) में भगदड़ का माहौल है. आरपीएन सिंह के बाद कुशीनगर के पडरौना सीट से कांग्रेस के घोषित प्रत्याशी मनीष जायसवाल (Manish Jaisawal) ने भी इस्तीफा दे दिया है.
पडरौना विधानसभा से कांग्रेस ने मनीष जायसवाल को प्रत्याशी घोषित किया था, जिन्होंने इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू को अपना इस्तीफा भेजा है. उनके साथ ही कुशीनर के जिलाध्यक्ष राजकुमार सिंह ने भी इस्तीफा दे दिया है.
दरअसल, यूपी विधानसभा चुनाव (UP Assembly Elections) से पहले नेताओं के दल-बदल का सिलसिला भी लगातार जारी है. उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को एक के बाद एक बड़े झटके लग रहे है. कांग्रेस के कई दिग्गज नेता एक-एक कर पार्टी छोड़कर जा रहे हैं. इस बार कांग्रेस के स्टार प्रचारको में शामिल पूर्व केन्द्रीय मंत्री और कांग्रेस के झारखंड प्रभारी आरपीएन सिंह ने बीजेपी का दामन थाम लिया है.
आरपीएन सिंह ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेजे त्यागपत्र की प्रति ट्विटर पर शेयर करते हुए कहा, ‘‘आज, जब पूरा राष्ट्र गणतन्त्र दिवस का उत्सव मना रहा है, मैं अपने राजनीतिक जीवन में नया अध्याय आरंभ कर रहा हूं. जय हिंद.’’उन्होंने इस्तीफे में पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देते हुए कहा है, ‘‘मैं राष्ट्र, लोगों और पार्टी की सेवा करने का अवसर प्रदान करने के लिए आपका (सोनिया का) धन्यवाद करता हूं.’’
यह जितना बड़ा झटका कांग्रेस के लिए है उससे कहीं ज्यादा बीजेपी छोड़कर सपा में जाने वाले पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) के लिए माना जा रहा हैं. स्वामी प्रसाद मौर्य कुशीनगर की पडरौना सीट से विधायक हैं. पडरौना सीट आरपीएन सिंह का अच्छा खासा प्रभाव है. ऐसे में स्वामी प्रसाद मौर्य की धड़कनें भी बढ़ गई हैं. सूत्रों के मुताबिक स्वामी प्रसाद मौर्य अपने लिए सेफ सीट तलाश कर रहे हैं और वे फजिलगंज से मैदान में उतर सकते हैं.
पूर्व केंद्रीय मंत्री आरपीएन सिंह अब तक कांग्रेस में राष्ट्रीय प्रवक्ता और झारखंड के प्रभारी की जिम्मेदारी निभा रहे थे. आरपीएन सिंह केंद्र में मनमोहन सिंह की अगुवाई वाली संप्रग सरकार में गृह राज्य मंत्री रहे. वह 2009-2014 तक उत्तर प्रदेश की कुशीनगर लोकसभा सीट से सांसद रहे. इससे पहले वह कई सालों तक पडरौना विधानसभा क्षेत्र से विधायक भी रहे. साल 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था.
आरपीएन सिंह का नाम अब कांग्रेस छोड़ने वाले उन प्रमुख युवा नेताओं की फेहरिस्त में जुड़ गया है जो कभी राहुल गांधी के करीबियों में शुमार किए जाते थे. इससे पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया और जितिन प्रसाद भाजपा में शामिल हो गए तो सुष्मिता देव और अशोक तंवर जैसे कुछ नेताओं ने तृणमूल कांग्रेस का दामन थाम लिया.