असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने पूर्व केंद्रीय मंत्री टीटीवी दिनाकरन (TTV Dinakaran) की पार्टी एएमएमके के साथ गठबंधन किया है. गठबंधन के तहत एआईएमआईएम (AIMIM) 3 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. AIMIM ने टीटीवी दिनाकरन से हाथ मिलाया है. फिलहाल वनियामबाड़ी, कृष्णगिरि, शंकरपुरम से AIMIM ने दावेदारी पेश करने का ऐलान किया है.
टीटीवी दिनाकरन (TTV Dinakaran) के इस फैसले के साथ ही तय हो गया है कि सत्तारूढ़ एआईएडीएमके (AIADMK) के साथ उसकी पार्टी का गठबंधन नहीं होगा. दिनाकरन एआईएडीएमके के नेता रहे हैं और शशिकला के भतीजे हैं. जयललिता की मौत के बाद उन्होंने अम्मा मक्कल मुनेत्र कझगम नाम की पार्टी बनाई थी. साथ ही जयललिता की सीट राधा कृष्णन नगर पर हुए उपचुनाव में दिनाकरन ने एआईएडीएमके के उम्मीदवार को रिकॉर्ड मतों से हराया था.

बंगाल विधानसभा चुनाव को लेकर AIMIM ने कोई खुलासा नहीं किया है. पार्टी बंगाल में कितने सीटों पर चुनाव लड़ेगी इसे लेकर सस्पेंस बना हुआ है. पिछले दिनों बंगाल दौरे पर पहुंचे AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने यहीं पर अब्बास सिद्दीकी से मुलाकात भी की थी, लेकिन अब्बास सिद्दीकी ने लेफ्ट-कांग्रेस गठबंधन के साथ हाथ मिला लिया है.
अब्बास सिद्दीकी फुरफुरा शरीफ के पीरजादा हैं. पार्टी बनाने से पहले पीरजादा की ओवैसी से मुलाकात के बाद कयास लगाए जा रहे थे कि आईएसएफ और एआईएमआईएम गठबंधन कर चुनाव मैदान में उतर सकते हैं. बता दें कि पीरजादा अब्बास की गिनती मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के करीबियों में होती थी. हुगली जिले में स्थित फुरफुरा शरीफ दरगाह का पूरे दक्षिण बंगाल में अच्छा प्रभाव माना जाता है.
AIMIM ने अहमदाबाद के निकाय चुनाव में खाता खोलने के लिहाज से बेहतर प्रदर्शन किया, लेकिन बंगाल में उसे नए दोस्त की तलाश है. पिछले साल बिहार विधानसभा चुनाव और फरवरी के आखिरी हफ्ते में गुजरात नगर निगम चुनाव में कामयाबी से अपनी मौजूदगी दर्ज कराने से असदुद्दीन ओवैसी के हौसले बुलंद हैं.