महाराष्ट्र में राज्यसभा चुनाव के बाद विधान परिषद चुनाव में भी उद्धव सरकार को झटका लगा है और इसका साइड इफेक्ट दिखने लगा है. महाराष्ट्र सरकार में मंत्री और शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) नाराज हो गए हैं.
बताया जा रहा है कि अपने करीब 25 विधायकों के साथ एकनाथ शिंदे गुजरात के सूरत में हैं. विधान परिषद चुनाव में कल क्रॉस वोटिंग हुई थी. क्रॉस वोटिंग के बाद से कयास लगाए जा रहे थे कि शिवसेना में एकनाथ शिंदे के साथ कई विधायक नाराज़ हैं. सीएम ठाकरे ने आज आपात बैठक बुलाई है वहीं, बागी विधायक भी प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बड़ा एलान कर सकते हैं।
खबरें हैं कि शिवसेना की तरफ से लगातार उपेक्षा का शिकार होने के कारण एकनाथ शिंदे नाराज थे। इसी के कारण वे कल शाम से ही सीएम उद्धव ठाकरे का फोन नहीं उठा रहे थे। ऐसे में माना जा रहा है कि सभी विधायक प्रेस वार्ता कर बड़ा ऐलान कर सकते हैं। खबरें यह भी है कि इन विधायकों को सूरत लाने में बीजेपी के दो बड़े नेताओं का रोल है। शिवसेना के 15 विधायक सूरत में हैं। शिवसेना के ये विधायक अगर बागी हुए तो सरकार गिर सकती है।
बागी विधायक आज दोपहर सूरत में कोई बड़ा एलान कर सकते हैं। ये विधायक शिवसेना नेतृत्व से नाराज बताए गए हैं। कहा जा रहा है कि नेतृत्व द्वारा उनकी लगातार उपेक्षा की जा रही थी। सूरत की होटल के बाहर बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मी तैनात कर दिए गए हैं।
विधान परिषद में बीजेपी ने जीती थी 5 सीटें
महाराष्ट्र विधान परिषद के चुनाव में कल बड़े पैमाने पर क्रॉस वोटिंग हुई थी। 10 सीटों के लिए सोमवार को हुए चुनाव में सत्तारूढ़ महाविकास अघाड़ी (MVA) को फिर झटका लगा है। भाजपा ने अकेले पांच सीटें जीत लीं वहीं, शिवसेना व राकांपा ने दो-दो सीटें जीतीं तो कांग्रेस के हाथ सिर्फ एक सीट आई।
राज्यसभा चुनाव के बाद लगातार दूसरी बार एमवीए को झटके से सीएम व शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे की जमीन खिसकती प्रतीत हो रही है। क्रॉस वोटिंग की आशंका इसलिए गहरा गई है, क्योंकि शिवसेना को अपने 55 विधायकों व समर्थक निर्दलीय विधायकों के बावजूद सिर्फ 52 वोट मिले हैं।
महाराष्ट्र में नवंबर 2019 में ठाकरे के नेतृत्व में राकांपा, कांग्रेस व शिवसेना की साझा सरकार बनी थी। शिवसेना भाजपा की पुरानी सहयोगी थी, लेकिन ठाकरे को सीएम नहीं बनाने से उसने भाजपा से नाता तोड़ लिया था।
शिवसेना के दिग्गज नेताओं में शिंदे की गिनती होती है। साल 2019 में जब विधानसभा चुनाव के परिणाम आए थे तो पार्टी ने उन्हें विधायक दल का नेता चुना था। वे बाला साहेब ठाकरे के समय से ही पार्टी से जुड़े हुए हैं और ठाणे इलाके के बड़े नेता भी हैं। महाराष्ट्र में राज्यसभा और विधान परिषद चुनाव के दौरान शिवसेना ने शिंदे को साइडलाइन किया था जिसके बाद से ही वह नाराज थे।