18 नवंबर को होगा स्थाई समिति सभापति का चुनाव
11 नवंबर को भरा जाएगा नामांकन
ठाणे- कई बार ठाणे मनपा की तोजोरी समझे जानी वाली स्थाई समिति के सभापति पद को लेकर विवाद देखा गया है. लेकिन इस बार शायद नजर नहीं आने वाला है. क्योंकि राज्य में महाविकास आघाडी का असर यहाँ पर नजर आने वाला है. बहरहाल 18 नवंबर को स्थाई समिति सभापति का चुनाव कराया जाने वाला है. इसके लिए 11 नवंबर को नामांकन भरा जाएगा.
वैसे संख्या बल पर नजर डाला जाए तो इस बारे भी प्रत्येक बार की तरह शिवसेना का शिलेदार ही मनपा की तिजोरी पर विराजमान होगा.
आपको बतादें कि ठाणे महानगर पालिका का आर्थिक पहिया चलाने वाली स्थाई समिति सभापति पद वर्तमान समय में शिवसेना के पास है और पालकमंत्री एकनाथ शिंदे के विश्वासपात्र नगरसेवक राम रेपाले सभपति है. क्योंकि वर्ष 2017 में हुए मनपा के सार्वजनिक चुनाव के दौरान शिवसेना को बहुमत तो जरूर मिल गया था लेकिन स्थाई समिति की चाभी पाने के लिए 16 में 9 सदस्य के चयन के लिए शिवसेना को कुल 70 नगरसेवकों की आवश्यकता थी.
इसके लिए शिवसेना ने अपने 67 और कांग्रेस के तीन नगरसेवकों का एक ही गुट दिखाते हुए सभा पति पद पर दावा किया था. लेकिन इसी बीच कांग्रेस के दो नगरसेवक अलग होते हुए मुख्य विपक्षी दल राकां के पाले में चले गए थे. जिसके बाद कोकण आयुक्त ने शिवसेना के आठ, राष्ट्रवादी के पाच और भाजपा के तीन सदस्यों के चयन को लेकर अप्रैल, 2017 में निर्णय दिया था. वहीँ कोकण विभागीय आयुक्त के इस निर्णय को लेकर शिवसेना ने न्यायालय में आव्हान दिया था. इस दौरान ठाणे सत्र न्यायालय ने कोकण विभागीय आयुक्त के आदेश को रखते हुए सूचना दिया था.
इसी को आधार मानते हुए शिवसेना ने स्थायी समिति सभापति के नाम की घोषणा किया था और वर्तमान समय में राम रेपाले सभापति है. साथ ही महापौर ने शिवसेना के आठ और कांग्रेस के एक सदस्य को इसमें जगह दिया था. जबकि कोकण विभागीय आयुक्त के निर्देशानुसार कांग्रेस और राष्ट्रवादी के पाच सदस्य का चयन होना चाहिए था लेकिन राकां के सिर्फ चार सदस्य ही चुने गए थे. जबकि भाजपा के तीन और कांग्रेस के एक सदस्य को जगह मिला था.
वैसे नियमानुसार 16 में से शिवसेना के 8 नए सदस्यों का चयन किया जाएगा. ऐसे में शिवसेना के आठ, राष्ट्रवादी के पाच और भाजपा के तीन इस प्रकार कुल मिलाकर 16 सदस्य समिति में चुने जाएंगे. साथ ही मनपा प्रशासन को कोकण विभागीय आयुक्त द्वारा तय किये गए नियमावली के आधार पर ही चुनाव कराना पड़ेगा. अब देखना ही यह है कि क्या चुनाव होता है कि सर्व सहमति से सदस्यों का चयन किया जाता है. वैसे परिवहन समिति की तरह स्थायी समिति में शिवसेना और राकां के बीच सदस्यों का बँटवारा होने की संभावना जताई जा रही है.