उत्तर प्रदेश में पिछले रविवार को हुए लखीमपुर खीरी हिंसा के मामले में सियासी पारा चढ़ा हुआ है. समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष व यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने लखीमपुर खीरी की घटना का जिक्र करते हुए प्रदेश की भाजपा सरकार पर हमला बोला है. अखिलेश यादव ने कहा कि जिसने भी इस घटना का वीडियो देखा है उसने घटना की निंदा की है. उन्होंने कहा कि जिस तरह से किसान को कुचला, सरकार कानूनों को कुचल रही है.
उन्होंने कहा कि यह देश के संविधान को कुचलने वाली सरकार है. दोषियों के खिलाफ कार्रवाई हो. सपा प्रमुख ने कहा कि उत्तर प्रदेश में परिवर्तन तय है. क्योंकि यूपी सरकार किसानों के हत्या के आरोपी आशीष मिश्रा को समन नहीं गुलदस्ता भेज रही है.
अखिलेश यादव ने कहा कि जीप की जानकारी हो गई, किस की जीप थी इसकी जानकारी हो गई. दोषियों की जानकारी हो गई, लेकिन अपराधी अभी तक नहीं पकड़े जा रहे है. प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि जिन भी परिवारों से मैं मिला हूं हर परिवार के सदस्यों ने यही कहा कानून जो सजा देता है वो सजा उन्हें मिले.
अखिलेश ने कहा कि उत्तर प्रदेश में जंगलराज चल रहा है. वहीं सरकार न्याय में अब भेदभाव कर रही है. उन्होंने घटना में शामिल सभी दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की. यूपी में बीजेपी का सफाया 2022 के विधानसभा चुनाव में हो जाएगा. आज यूपी में कानून व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है.
वहीं दूसरी तरफ आशीष मिश्रा के समर्थक भी लखीमपुर खीरी में क्राइम ब्रांच के दफ्तर तक पहुंच गए हैं, जहां आशीष मिश्रा से पूछताछ चल रही है. शुक्रवार को आशीष मिश्रा पुलिस के नोटिस के बावजूद पेश नहीं हुए थे. उन्होंने अपनी खराब तबीयत का हवाला दिया था.
जानकारी के अनुसार बहराइच जिले के जगजीत सिंह की शिकायत पर एफआईआर दर्ज की गई है. एफआईआर में कहा गया है कि हिंसा प्री प्लांड थी. इसके लिए मंत्री और उनके बेटे ने साजिश रची. आरोप है कि केंद्रीय गृह राज्यमंत्री की ओर से भड़काऊ बयानबाजी की गई. इससे हिंसा भड़की और 8 लोगों की जान गई. एफआईआर में ये भी लिखा गया है कि उस दिन किसान महाराज अग्रसेन इंटर कॉलेज के मैदान में इक्ट्ठे हुए थे और बनबीर जा रहे डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के खिलाफ शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे थे.