पश्चिम बंगाल (West Bengal) में जल्द होने जा रहे विधानसभा चुनावों से पहले हलचल तेज हो गई है। सोमवार को कोलकाता में केंद्रीय मंत्री देबाश्री चौधरी (Debasree Chaudhuri) के रोडशो में कुछ लोगों ने बीजेपी कार्यकर्ताओं पर ईंट और पत्थर फेंके। इन लोगों ने हाथों में तृणमूल कांग्रेस (TMC) का झंडा था। हमले के बाद बीजेपी कार्यकर्ताओं के बीच भगदड़ मच गई। इस रोडशो में पश्चिम बंगाल बीजेपी अध्यक्ष दिलीप घोष (Dilip Ghosh) और हाल ही बीजेपी में शामिल होने वाले विधायक सुवेंदु अधिकारी (Suvendu Adhikari) भी मौजूद थे। मौके पर तनाव के बीच भारी सुरक्षाबल तैनात है।
जानकारी के मुताबिक, साउथ कोलकाता के रासबिहारी एवेन्यू और चारू मार्केट इलाके में बीजेपी का रोडशो निकाला जा रहा था। बताया जा रहा है कि यह इलाका ममता बनर्जी के कालीघाट स्थित आवास के काफी नजदीक है। अचानक से यहां टीएमसी का झंडा हाथों में लिए कुछ लोगों ने बीजेपी कार्यकर्ताओं पर ईंट और पत्थर बरसाने शुरू कर दिए।
इस घटना से कुछ घंटों पहले ही बंगाल की वर्तमान सीएम और टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी (Mamta Banerjee) ने नंदीग्राम सीट से चुनाव लड़ने का ऐलान किया था. ममता बनर्जी ने इस दौरान कहा, ‘मैं नंदीग्राम से चुनाव लड़ूंगी. यह मेरे लिए भाग्यशाली है. मैं नंदीग्राम को ज्यादा समय नहीं दे पाऊंगी, क्योंकि मुझे सभी 294 सीटों पर प्रचार करना होगा. आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि मेरी जीत हो और बाकी मैं बाद में देख लूंगी.’
ममता बनर्जी के ऐलान के बाद बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा, ‘यह महज एक संयोग है. हम अपना कार्यक्रम कर रहे हैं, वे अपना काम कर रहे हैं. भाजपा पश्चिम बंगाल में टीएमसी को जवाब देने के लिए बिल्कुल तैयार है. उसे पश्चिम बंगाल की किसी भी सीट से चुनाव लड़ने दें, हम उसे हराने के लिए तैयार हैं.
बीजेपी नेता सुवेंदु अधिकारी ने बताया कि इस रैली को आयोजित करने के लिए पुलिस से अनुमति ली गई थी, इसके बावजूद कुछ लोग यहां पत्थर फेंकते देखे गए। उनकी यह रणनीति काम नहीं आएगी क्योंकि पश्चिम बंगाल की जनता हमारे साथ और वे राज्य में परिवर्तन चाहते हैं। सुवेंदु ने कहा कि मिनी पाकिस्तान के लड़के और कोलकाता निगम प्रशासन से जुड़े लोग पत्थर फेंक रहे थे। यह देखने लायक था कि जिस तरह से हमारे लड़कों ने उनका पीछा किया। इसने हमें याद दिलाया कि मोदी जी क्या कहते हैं – ‘घुस के मारा’।
बता दें कि पश्चिम बंगाल में आगामी अप्रैल या मई तक विधानसभा चुनाव होने हैं। इसको देखते हुए सभी राजनीतिक दलों मे सरगर्मी तेज हो गई है। असदुद्दीन ओवैसी की AIMIM के बाद अब शिवसेना (Shivsena) ने भी पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में उतरने का ऐलान कर दिया है। इसी के साथ पश्चिम बंगाल की राजनीति में एक बार फिर खलबली मच गई है।