मुंबई के अंधेरी ईस्ट में होने वाले उप-चुनाव के लिए उद्धव ठाकरे ने अपनी पार्टी के नाम और निशान की लिस्ट इलेक्शन कमीशन को सौंपी है। उद्धव गुट ने यह कदम तब उठाया, जब इलेक्शन कमीशन ने शिंदे गुट की याचिका पर शिवसेना के सिंबल तीर-कमान को फ्रीज कर दिया।
EC के फैसले के बाद शिंदे और उद्धव गुट इस निशान का इस्तेमाल चुनाव में नहीं कर पाएंगे। कुछ रिपोर्ट्स में सूत्रों के हवाले से रविवार को दावा किया गया है कि उद्धव गुट ने दो नाम EC को बताए हैं। पहला- शिवसेना बाला साहेब ठाकरे और दूसरा- शिवसेना उद्धव बाला साहेब ठाकरे। निशानों में उद्धव गुट ने अपनी पहली पसंद त्रिशूल बताई है, दूसरा निशान उगता हुआ सूर्य है।
थोड़ी ही देर में मातोश्री में उद्धव गुट के नेताओं की बैठक शुरू होने वाली है, जिसमें चुनाव आयोग के निर्देश के अनुसार पार्टी का नया नाम और सिंबल पर चर्चा होगी।इधर, औरंगाबाद में पत्रकारों से बात करते हुए शरद पवार ने कहा- चुनाव आयोग का फैसला चौंकाने वाला नहीं है। मुझे इसकी आशंका थी। आयोग के फैसले से शिवसेना खत्म नहीं होगी बल्कि शिवसेना के कार्यकर्ताओं में नया जोश आएगा। उन्होंने कहा- पांच बार मेरी पार्टी का भी सिंबल बदला गया, लेकिन असर नहीं हुआ।
19 जून 1966 में बालासाहेब ठाकरे ने शिवसेना की स्थापना की थी, लेकिन शुरुआत में ये सिर्फ एक सोशल ऑर्गेनाइजेशन के रूप में काम कर रही थी। 1968 में पहली बार पॉलिटिकल ऑर्गेनाइजेशन के रूप में शिवसेना का रजिस्ट्रेशन कराया गया। पहला चुनाव पार्टी ने 1971 में लड़ा, उस वक्त सिंबल था- खजूर का पेड़।
शिवसेना ने इसके बाद रेलवे इंजन और ढाल-तलवार भी पार्टी का सिंबल रहा, मगर सफलता नहीं मिली। 1985 में सीनियर ठाकरे ने तीर-कमान का सिंबल लिया और मुंबई नगरपालिका का चुनाव लड़ा। पार्टी को इसमें भारी मार्जिन से जीत मिली और कांग्रेस के सहयोग से सरकार बना ली शिवसेना के सिंबल फ्रीज होने के बाद रविवार को शिंदे गुट ने उद्धव ठाकरे खेमे के खिलाफ फर्जी तरीके से एफिडेविट बनाने का आरोप लगाया है। रिपोर्ट के मुताबिक मुंबई पुलिस के निर्मलनगर थाने में इसकी FIR भी दर्ज की गई है। पुलिस ने जांच में अब तक 4682 झूठे एफिडेविट जब्त किए हैं। पुलिस सूत्रों ने बताया कि ये सभी एफिडेविट चुनाव आयोग में जमा कराने की तैयारी थी।
उद्धव-शिंदे गुट के बीच लड़ाई में शनिवार को चुनाव आयोग ने शिवसेना का सिंबल तीर-धनुष को फ्रीज कर दिया। 13 पन्नों के जारी आदेश में आयोग ने कहा कि दोनों गुटों में से कोई भी उपचुनाव में चुनाव चिन्ह तीर-धनुष का उपयोग नहीं कर सकेगा। यह आदेश मुंबई की अंधेरी ईस्ट विधानसभा सीट के लिए होने वाले उपचुनाव के लिए है।