यूपी चुनाव के मद्देनजर गुरुवार को पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपने चाचा व प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष शिवपाल यादव से मुलाकात की। करीब डेढ़ घंटे तक बंद कमरे में हुई बातचीत के दौराना दोनों पार्टियों ने गठबंधन पर सहमति जताई। सपा और प्रसपा के बीच गठबंधन तय होने की जानकारी अखिलेश यादव ने ट्वीट के जरिए दी।
अखिलेश यादव ने ट्विटर पर चाचा शिवपाल के साथ तस्वीर पोस्ट करते हुए लिखा- “प्रसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जी से मुलाक़ात हुई और गठबंधन की बात तय हुई। क्षेत्रीय दलों को साथ लेने की नीति सपा को निरंतर मजबूत कर रही है और सपा और अन्य सहयोगियों को ऐतिहासिक जीत की ओर ले जा रही है।”
दोनों ही पार्टियों के बीच गठबंधन के पिछले काफी दिनों से कयास लगाए जा रहे थे. इससे पहले शिवपाल सिंह यादव ने सीतापुर जिला जेल में बंद सपा के वरिष्ठ नेता और सांसद आजम खान (Azam Khan) से मुलाकात की थी. दोनों वरिष्ठ नेताओं की यह मुलाकात करीब 2 घंटे तक चली थी. इस मुलाकात के बाद शिवपाल यादव ने कहा था कि “जल्द ही खुशखबरी मिलने वाली है. यह विलम्ब नहीं है, यह रणनीति है. कब क्या करना है, कैसे करना है आपके सामने यह रणनीति नहीं बता सकते.”
यूपी विधानसभा के पिछले चुनाव के समय से ही अखिलेश और शिवपाल के रिश्तों में आई तल्खी का दौर जारी था। हालांकि शिवपाल ने आगामी विधानसभा चुनाव की सरगर्मी तेज होने पर पांच साल पुरानी तल्खी को दूर करने की शुरुआती पहल करते हुए अखिलेश से गठबंधन कर चुनाव लड़ने की पेशकश की थी।
उन्होंने सपा में प्रसपा के विलय का विकल्प भी खुला रखते हुये कहा था कि अखिलेश को ही आगे की रणनीति के लिये कोई पहल करनी होगी। पिछले कुछ समय से अखिलेश भी शिवपाल की पहल पर सकारात्मक टिप्पणी करते हुये समय आने पर उनसे बात करने की बात कह रहे थे।
गौरतलब है कि 2017 में विधानसभा से पहले अखिलेश द्वारा सपा से बाहर का रास्ता दिखाने के बाद शिवपाल ने प्रसपा का गठन कर चुनाव लड़ा था। इसका सीधा असर सपा के परांपरागत वोटबैंक में बंटवारे के रूप में पड़ा था।