उत्तराखंड में कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है. कांग्रेस की महिला प्रदेश अध्यक्ष सरिता आर्या (Sarita Arya) ने अब बीजेपी का दामन थाम लिया है. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने उन्हें सोमवार को देहरादून में पार्टी की सदस्यता दिलवाई. इस दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी मौजूद रहे. पार्टी में महिलाओं को कम भागीदारी मिलने से सरिता आर्या नाराज थीं.
इस बीच उत्तराखंड कांग्रेस का एक पत्र भी जारी हुआ है. इसमें सरिता आर्या को कांग्रेस से छह साल के लिए निष्काषित किए जाने की जानकारी दी गई है. पत्र में लिखा था कि उनकी बयानबाजी से पार्टी की छवि धूमिल हुई है.
अभी शनिवार को ही सरिता आर्या ने कांग्रेस में रहते हुए उनकी मुहिम ‘लड़की हूं, लड़ सकती हूं’ पर सवाल उठाए थे. उन्होंने कहा था कि हमें इस नारे से आस है. सरिता आर्या ने कहा था कि हम उत्तराखंड चुनाव में 20 फीसदी टिकट महिलाओं के लिए आरक्षित करने की मांग करते हैं. आर्या ने आगे कहा था कि कुछ महिलाएं मुझसे कहती हैं कि आप अपने लिए टिकट नहीं ला पाईं, तो हमको कैसे दिलाएंगी?
सरिता ने कहा था, यह प्रश्नचिह्न मेरे ऊपर लग गया है. पार्टी में हमारी अनदेखी की जा रही है. यहां महिलाओं की बात नहीं सुनी जा रही है. ऐसे में हमें अपने हितों के बारे में भी सोचना पड़ेगा. पार्टी में कई महिला कार्यकर्ता 20 से 30 सालों से जुड़ी हैं. वह मुझसे कह रही हैं यदि आप हमें यहां से टिकट नहीं दिला सकती तो हमारे पास दूसरे विकल्प मौजूद हैं. मैं भी कब तक किसको रोक सकती हूं. मैं खुद के लिए ही नहीं तमाम दूसरी महिलाओं के लिए टिकट मांग रही हूं.
भाजपा यदि मुझे टिकट देती है तो निश्चित तौर पर मैं भाजपा में चली जाऊंगी. उन्होंने बीजेपी नेताओं से मुलाकात की बात से तो इनकार किया, लेकिन यह भी जोड़ा की मैंने अपनी बात रख दी है. खुद को कांग्रेस की सच्ची सिपाही भी बताया. लेकिन यह भी जोड़ा कि यदि मुझे नजरअंदाज किया गया तो मैं अपने बारे में सोचने के लिए स्वतंत्र हूं.