विधानसभा अध्यक्ष का कानून बनाने का सुझाव
मुंबई। स्थानीय निकाय और विधानसभा चुनावों में महाराष्ट्र के मतदाता को ईवीएम (EVM) के अलावा बैलेट पेपर (Ballot Paper) के जरिए वोट देने का विकल्प उपलब्ध कराने का सुझाव विधानसभा अध्यक्ष नाना पटोले ने दिया है। इस संबंध में उन्होंने महाराष्ट्र विधानमंडल को कानून बनाने के लिए भी कहा है।
नागपुर के प्रदीप महादेवराव उके ने इस बारे में विधानसभा अध्यक्ष के पास निवेदन और याचिका पेश की थी। इस संदर्भ में मंगलवार को विधानभवन, मुंबई में एक बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में चिकित्सा शिक्षा मंत्री अमित देशमुख, विधान परिषद के सदस्य अभिजीत वंजारी, विधान सचिवालय के सचिव राजेंद्र भागवत, महाराष्ट्र के मुख्य निर्वाचन अधिकारी बलदेव सिंह और राज्य के विधि एवं न्याय सचिव भूपेंद्र गुरव उपस्थित थे।
आवेदक की तरफ से एडवोकेट सतीश उके ने निवेदन की भूमिका स्पष्ट करते हुए कहा कि राज्य के मतदाताओं को ईवीएम के अलावा बैलेट पेपर के जरिए मतदान करने का विकल्प मिलना, उनका अधिकार है। बैलेट पेपर अथवा ईवीएम मशीन में से कौन सा माध्यम अधिक विश्वसनीय है, यह जनता को तय करना दिया जाए। इस संबंध में जनता की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए कानून तैयार करना विधानमंडल की जिम्मेदारी है। ईवीएम को लेकर अनेक मुद्दे सामने आए हैं और ईवीएम की कार्यप्रणाली को लेकर लोगों के मन में अभी भी संदेह है।
उके ने आगे कहा कि इस वजह से वोटरों को मतपत्र या पारंपारिक बैलेट पेपर उपलब्ध कराना चाहिए। ऐसा इस क्षेत्र के विशेषज्ञों का मत है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 328 के अनुसार राज्य विधायिका के पास राज्य में चुनाव से संबंधित कानून बनाने की शक्ति है। अनुच्छेद 328 के तहत राज्य विधानमंडल में निहित शक्तियों के अनुसार राज्य के लोगों को ईवीएम के अलावा मतदान द्वारा मतदान का विकल्प प्रदान करने के लिए एक उप-कानून बनाया जाना चाहिए।
उस समय मतदाता अपनी इच्छानुसार ईवीएम या बैलेट पेपर के माध्यम से मतदान का अधिकार प्रयोग कर सकते हैं। इससे आम जनता का चुनावी प्रक्रिया में विश्वास और मजबूत होगा और मतदान में वृद्धि होगी। बैठक में उपस्थित चिकित्सा शिक्षा मंत्री अमित देशमुख ने इस तरफ ध्यान आकृष्ट किया कि दुनिया के कई विकसित देशों ने ईवीएम को खारिज कर दिया है।
विधानसभा अध्यक्ष नाना पटोले ने कानून और न्याय विभाग को सभी कानूनी मुद्दों का अध्ययन करने और इस संबंध में एक कानून का मसौदा तैयार करने के लिए तत्काल कार्रवाई करने के निर्देश दिए।