चाणक्य नीति में मुख्य रूप से धर्म, संस्कृत, न्याय, शांति, शिक्षा से जुड़ी मानव-जीवन की प्रगति की झांकियां प्रस्तुत की गई हैं. इस ग्रंथ से व्यक्ति को जीवन के सभी समस्याओं से निजात पाने में मदद मिलती है. ‘चाणक्य नीति’ में आचार्य ने धनवान बनने और मां लक्ष्मी की कृपा पाने से जुड़ी कई बातें बताई हैं.
चाणक्य नीति के अनुसार भौतिक युग में धन को प्रमुखता प्रदान की गई है. यही कारण है कि हर व्यक्ति धनवान बनना चाहता है. धन की प्राप्ति होने पर व्यक्ति का जीवन आसान हो जाता है. जीवन की कठिनाइयां काफी हद तक कम हो जाती हैं. धन को साधन माना गया है, जिससे जीवन को सुगम बनाया जा सकता है. आइए जानते हैं इनके बारे में…
धन की बचत करो- चाणक्य नीति कहती है कि व्यक्ति धनवान तभी बन सकता है, जब धन की अहमियत को गंभीरता से जानेगा और समझेगा. जो व्यक्ति धन की बचत करते हैं. धन का संचय करते हैं. ऐसे लोगों पर लक्ष्मी जी की कृपा सदैव बनी रहती है. चाणक्य नीति कहती है कि धन की बचत व्यक्ति को संकटों से बचाती है. जो लोग धन की बचत नहीं करते हैं, उन्हें आगे चलकर परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
आय से अधिक धन का व्यय न करें- चाणक्य नीति कहती है कि व्यक्ति को धन के व्यय के मामले में बहुत ही गंभीर होना चाहिए. धन का व्यय कभी भी अधिक नहीं करना चाहिए. आवश्यकता पड़ने पर ही धन को खर्च करना चाहिए. जो लोग आय से अधिक धन को खर्च करते हैं, वे तनाव में रहते हैं. इसके साथ ही उनके जीवन में परेशानियां भी बनी रहती हैं.