अयोध्या में राममंदिर निर्माण अब दूसरे चरण में प्रवेश कर चुका है। 5 अगस्त 2020 वो दिन था, जब पीले वस्त्र पहने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूजन कर भव्य राम मंदिर की नींव रखी थी। आज करीब दो साल के बाद गर्भगृह निर्माण के लिए पहला पत्थर रखने यूपी के मुखिया योगी आदित्यनाथ पहुंचे। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी के अलावा डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य भी मौजूद रहे. मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में शामिल सभी संतों का धन्यवाद व्यक्त किया.
सीएम योगी आदित्यनाथ ने वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच विधिवत तरीके से गर्भगृह की पहली शिला रखी. इस दौरान सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 500 सालों से जिसका इतंजार था वह अब मूर्त रूप लेने जा रहा है.
आक्रांताओं के खिलाफ भारत की जीत
योगी आदित्यनाथ ने कहा हर हिन्दुस्तानी के लिए इससे बढ़कर गौरव की अनुभूति का क्षण क्या हो सकता है. जिन आक्रांताओं ने हमारी आस्था पर प्रहार करते हुए भारत के सपनों को चकनाचूर करने की मानसिकता के साथ नापाक इरादों से भारत की आस्था पर प्रहार किया था, अंत में भारत की जीत हुई है. सत्यमेव जयते के इस नारे ने एक बार, धर्मो रक्षति रक्षितः, यतो धर्मस्ततो जयः के इस घोष ने एक बार फिर अपनी सार्थकता को साबित किया है.
500 साल की तपस्या पूरी
इस मौके पर सीएम योगी ने कहा कि, आज से दो साल पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने भगवान श्री राम के मंदिर के निर्माण कार्य की आधारशिला रखी थी. उन्होंने कहा कि पौने दो साल में मंदिर निर्माण कार्य जिस रफ्तार से आगे बढ़ा है. आज उसमें एक और महत्वपूर्ण कड़ी और जुड़ चुकी है. मुख्यमत्री ने कहा कि 500 साल की तपस्या पूरी हो चुकी है. उन्होंने कहा कि, राममंदिर भारत का राष्ट्र मंदिर होगा. इस मंदिर का निर्माण पूरी भव्यता के साथ किया जाएगा.
राम मंदिर भारत का राष्ट्र मंदिर होगा
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पिछले 500 साल से देश के साधु-संत राम मंदिर आंदोलन को चला रहे थे, आज उन सभी लोगों के दिल को खुशी मिली होगी, गर्भगृह का पहला पत्थर रख दिया है, गोरक्षनाथ पीठ की तीन पीढ़ी इस मंदिर आंदोलन से जुड़ी हुई थी. उन्होंने कहा कि आज से शिलाओं के रखने का काम तेजी से शुरू हो जाएगा, अब वो दिन दूर नहीं है जब मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम का भव्य मंदिर अयोध्या धाम में बनकर तैयार हो जाएगा. यह मंदिर भारत का राष्ट्र मंदिर होगा.
धर्म, सत्य और न्याय के रास्ते पर जीत
सीएम योगी ने कहा, ”मंदिर निर्माण पूज्य संतों का संघर्ष श्रद्धेय, अशोक सिंघल जी जैसे संत, आरएसएस, और विचार परिवार से जुड़े हुए उन लाखों कार्यकर्ताओं का जो पुरुषार्थ था वह आज साकार रूप लेता दिख रहा है. सचमुच आज का दिन हम सबको अभिभूत करता है. नई प्रेरणा देता है कि हम सदैव धर्म, सत्य और न्याय के रास्ते पर बढ़ेंगे तो विजय होने से कोई नहीं रोक सकता है.”
राजस्थान से लाए गए पत्थर
मंदिर के गर्भगृह की दीवारें 6 फीट मोटी बनाई जाएंगी. गर्भगृह और उसके आसपास नक्काशीदार बलुआ पत्थरों को रखना शुरू किया जाएगा. गर्भगृह में मकराना सफेद संगरमरमर का इस्तेमाल किया जाएगा. राजस्थान के भरतपुर जिले की बंसी-पहाड़पुर की पहाड़ियों से गुलाबी बलुआ पत्थरों का इस्तेमाल मंदिर में किया जा रहा है. यहां करीब 4.70 लाख क्यूबिक फीट नक्काशीदार पत्थरों का इस्तेमाल किया जाएगा. राजस्थान से अयोध्या नक्काशी के पत्थर पहुंच रहे हैं.
क्या होता है गर्भगृह
मंदिर का सबसे मुख्य स्थान गर्भगृह होता है. वहां मुख्य मूर्ति स्थापित की जाती है. पॉजिटिव वाइब्रेशन का वह केंद्र होता है क्योंकि वह तीन तरफ से बंद होता है. पृथ्वी की विद्युत चुंबकीय तरेंगें अधिक पाई जाती हैं. मंदिर की वास्तुकला कुछ इस तरह से डिजाइन की जाती है कि गर्भगृह में प्राण ऊर्जा तीव्रतम रहे. वहां हमेशा सकारात्मक दैवीय ऊर्जा निकलती रहती है. यही वजह है कि गर्भगृह में भगवान के दर्शन करने के बाद भक्त ऊर्जावान महसूस करते हैं.