रविवार को छत्तीसगढ़ (chhattisgarh) के सुकमा (Sukma) जिले में सीआरपीएफ (CRPF) कैंप में अपने साथी जवान के द्वारा मारे गए सैनिक धर्मेंद्र सिंह का आज सैन्य सम्मान से अंतिम संस्कार किया गया. जवान के चार साल के बेटे सिटू ने पिता की चिता को आग दी. जब मासूम ने मुखाग्नि दी तो वहां पर मौजूद हर शख्श की आंखों में आंसू आ गए. इतना ही नहीं वह अपनी बहनों से बोला कि दीदी पापा कहां गए..कब तक आएंगे.
बिहार के रोहतास जिले में बुधवार सुबह जवान धर्मेंद्र का अंतिम संस्कार किया गया. जहां गरुड़ा गांव में जवान की अंतिम झलक देखने के लिए हजारों की संख्या में जनसैलाब उमड़ा हुआ था. आसपास के कई गांवों के लोग भी पहुंचे हुए थे. छठ पूजा की खुशियों की बीच इस मार्मिक खबर ने हर किसी को गमगीन कर दिया.
दाह संस्कार के पूर्व CRPF 47 बटालियन के विजेंद्र सिंह भाटी की अगुआई में धर्मेंद्र को अंतिम सलामी दी गई. तब तीनों बच्चों के हाथ पापा को अंतिम सलामी देने के लिए उठ गए। धर्मेन्द्र सिंह अमर रहे रहें, जब तक सूरज-चांद रहेगा, धर्मेन्द्र सिंह का नाम रहेगा, भारत माता की जय के नारे के बीच उन्हें अंतिम विदाई दी गई.
रविवार देर रात सुकमा जिले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस फोर्स के जवानों के बीच हिंसक झड़प हो गई थी. जिसमें रितेश रंजन नाम के जवान ने अपने साथियों परAK-47 से फायरिंग कर दी थी. घटना में 4 जवानों की मौत हो गई थी. इनमें रोहतास जिले के संझौली थाने इलाके के रहने वाले धर्मेंद्र सिंह भी शामिल थे.