बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) द्वारा ब्राह्मणों पर की गई टिप्पणी के बाद भाजपा नेता गजेंद्र झा (BJP Leader Gajendra Jha) ने घोषणा की थी कि पूर्व मुख्यमंत्री की जुबान काट कर लाने वाले को 11 लाख रुपये का इनाम दूंगा, लेकिन उनकी ये घोषणा उन्हीं के लिए भारी पड़ गई.
झा के इस बयान के बाद भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने कार्रवाई करते हुए गजेंद्र झा को तत्काल प्रभाव से पार्टी से निष्कासित कर दिया है और स्पष्टीकरण मांगा है. पार्टी का कहना है कि किसी के लिए भी अमर्यादित भाषा बर्दाश्त नहीं की जा सकती. इस संबंध में मधुबनी के बीजेपी जिलाध्यक्ष शंकर झा ने गजेंद्र झा को निलंबित किए जाने का आदेश जारी किया है.
बीजेपी प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्य और अंतरराष्ट्रीय हिंदू महासभा के महासचिव गजेंद्र झा को पार्टी से निष्कासित करने के साथ ही मधुबनी जिलाध्यक्ष शंकर झा ने 15 दिनों के अंदर स्पष्टीकरण की भी मांग की है. बीजेपी जिलाध्यक्ष शंकर झा द्वारा जारी पत्र में लिखा गया है कि… आपके द्वारा दिये गये अमर्यादित बयान से पार्टी को आघात पहुंचा है. आपको पार्टी से निष्कासित किया जाता है जो तत्काल प्रभाव से लागू होगा. गजेंद्र झा से 15 दिन के अंदर स्पष्टीकरण दिए जाने की मांग की गयी है.
दरअसल मांझी के बयान के बाद गजेंद्र झा ने सोमवार को यह बयान दिया था कि ब्राह्मण का बेटा यदि मांझी का जीभ काटकर लाता है तो उसे वो इनाम के तौर पर 11 लाख रुपये देंगे साथ ही जिंदगी भर उसका भरण पोषण भी करेंगे. गजेंद्र झा ने कहा था कि मांझी बार-बार इस तरह का बयान देते है जिसे ब्राह्मण समाज कतई बर्दाश्त नहीं करेगा. मांझी को पद की गरिमा नहीं है और हिंदू सनातन धर्म में आस्था भी नहीं है.
मांझी ने दिया था विवादित बयान
दरअसल, शनिवार (18 DEC) शाम को मांझी पटना में भुइयां मुसहर सम्मेलन में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत करने के लिए पहुंचे। यहां अपने भाषण के दौरान उन्होंने पंडितों को लेकर अपशब्दों का इस्तेमाल किया. उन्होंने धर्म के नाम पर हो रही राजनीति का मुद्दा उठाया. इसी दौरान ब्राह्मणों को लेकर अमर्यादित शब्द बोले.
कार्यक्रम में लोगों को संबोधित करते हुए मांझी ने कहा, ‘आजकल गरीब तबके के लोगों में धर्म की परायणता ज्यादा आ रही है. सत्यनारायण पूजा का नाम हम लोग नहीं जानते थे. अब हर टोला में हम लोगों के यहां सत्यनारायण भगवान की पूजा होती है. इतनी भी शर्म लाज नहीं लगती है कि पंडित आते हैं और कहते हैं कि बाबू कुछ नहीं खाएंगे आपके यहां, बस कुछ नगदी दे दीजिए.’