बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव की मुश्किलें फिर बढ़ती नजर आ रही है। शुक्रवार सुबह केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने लालू के 17 ठिकानों पर छापेमारी की. जानकारी के अनुसार सीबीआई ने रेलवे में नौकरियों के बदले उम्मीदवारों से जमीन लेने के आरोप में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के खिलाफ एक नया मामला दर्ज किया है।
सीबीआई टीम ने बेशक टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। लेकिन सीबीआई सूत्रों का कहना है कि पटना और गोपालगंज में विभिन्न स्थानों पर छापे मारे जा रहे हैं। यह छापेमारी 2004 और 2009 के बीच रेलवे में नौकरी के बदले जमीन लेने से संबंधित है, जब लालू प्रसाद रेल मंत्री थे।
पूर्व मुख्यमंत्री पर आरोप है कि रेल मंत्री रहते हुए लालू प्रसाद ने रेलवे में नौकरी दिलाने के एवज में जमीन ली थी। इसी तरह की सीबीआई छापेमारी तब की गई थी राज्य में महागठबंधन सरकार का शासन था। उस समय नीतीश कुमार मुख्यमंत्री जबकि तेजस्वी यादव डिप्टी सीएम की जिम्मेदारी निभा रहे थे। 2017 में हुई छापेमारी आईआरसीटीसी घोटाले से संबंधित थी।
छापेमारी आज सुबह 7 बजे से कुछ पहले शुरू हुई। राबड़ी देवी के 10 सर्कुलर रोड स्थित आवास पर जब सीबीआई की टीम पहुंची तो वहां राबड़ी देवी, उनके विधायक पुत्र तेजप्रताप और बेटी मीसा भारती मौजूद थीं। मीसा भारती बाद में नई दिल्ली के लिए रवाना हुईं। लालू के सबसे छोटे बेटे और विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव इस समय लंदन में हैं। वे वहां एक यूनिवर्सिटी में स्पीच देने गए हैं।
गोपालगंज स्थित लालू प्रसाद के पैतृक गांव फुलवरिया में भी सीबीआई की एक टीम पहुंच गई है। सीबीआई की छापेमारी की खबर वायरल होते ही बड़ी संख्या में राजद समर्थक राबड़ी स्थित आवास के बाहर जमा हो गए और भाजपा और सीबीआई के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं।
बता दें कि 73 साल के नेता को पिछले दिनों ही चारा घोटाले के पांचवें केस में जमानत मिली है। यह चारा घोटाले का अंतिम मामला है, जिनमें उन्हें जमानत मिली है और वह जेल से बाहर आ चुके हैं। पांच मामलों में अधिकतम पांच साल की सजा लालू प्रसाद यादव की पूरी हो चुकी है। जेल मैनुअल के अनुसार, सश्रम कारावास के अभियुक्तों के लिए नौ महीने की सजा को एक-एक साल की सजा मानी जाती है। लालू प्रसाद को पिछले दिनों हाइकोर्ट से जमानत मिली थी. लालू यादव 42 माह तक सजा काट चुके हैं।