बिहार में JDU और BJP के बीच गठबंधन 5 साल बाद फिर टूट गया है। CM नीतीश कुमार ने मंगलवार शाम 4 बजे राज्यपाल फागू चौहान को अपना इस्तीफा सौंप दिया। नीतीश ने तुरंत ही नई सरकार बनाने का दावा भी पेश कर दिया। उन्होंने राज्यपाल को 160 विधायकों के समर्थन की चिट्ठी सौंपी।
राजभवन में ही नीतीश ने भाजपा से गठबंधन टूटने का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि पार्टी के विधायकों और सांसदों ने एक स्वर में NDA से गठबंधन तोड़ने की बात कही है। इसके बाद नीतीश सीधे राबड़ी देवी के घर पहुंचे, जहां तेजस्वी यादव से उनकी मीटिंग हुई। गठबंधन टूटने के बाद नीतीश कुमार अब फ्लोर टेस्ट कराने की तैयारी में हैं। सूत्रों के अनुसार जदयू के सभी विधायकों को अगले 72 घंटों तक पटना में रहने का निर्देश दिया गया है। JDU के पास बिहार विधानसभा में 45 विधायक हैं
पिछले वर्ष बजट सत्र में विधानसभा में हुए भारी हंगामे और विपक्षी विधायकों की ओर से स्पीकर विजय कुमार सिन्हा के साथ किए गए दुर्व्यवहार मसले पर विधानसभा की आचार समिति की सिफारिश के आधार पर 14 विधायकों की सदस्यता पर तलवार लटकी हुई है। राज्य में जारी सियासी गतिविधि के बीच इस मसले पर भी फैसले लिए जाने की आशंका जताई जा रही है।
दरअसल, आचार समिति की सिफारिश अभी स्पीकर के स्तर पर विचाराधीन है। उस रिपोर्ट में क्या कार्रवाई की अनुशंसा की गई है यह सदन में पेश होने पर ही पता चलेगा, पर सूत्रों की मानें तो 14 आरोपी विधायकों की सदस्यता जाने का खतरा बरकरार है।