केंद्र सरकार की ओर से सेना में चार साल के लिए भर्ती स्कीम अग्निपथ को लेकर विरोध शुरू हो गया है. इसकी शुरुआत बिहार से हुई है, जहां बक्सर में युवाओं ने ट्रेन पर पत्थर फेंके हैं तो वहीं मुजफ्फरपुर में लोग सड़कों पर उतर आए हैं और आगजनी की.
बक्सर में आक्रोशित युवाओं ने ट्रेन पर पथराव किया. जानकारी के मुताबिक पटना जा रही पाटलिपुत्र एक्सप्रेस पर पथराव किया गया. इस बीच काशी पटना जनशताब्दी एक्सप्रेस करीब 18 मिनट तक प्लेटफॉ़र्म संख्या एक पर रुकी रही. इससे रेल प्रशासन और यात्री परेशान दिखे.
मुजफ्फरपुर में भी सेना भर्ती के युवाओं का प्रदर्शन शुरू हो गया है. प्रदर्शनकारी युवाओं ने मुजफ्फरपुर रेलवे स्टेशन के पास चक्कर चौक पर हंगामा किया. युवाओं ने चक्कर चौक पर आग जलाकर रोड जाम कर दिया. यहां से करीब आधा किलोमीटर की दूरी पर चक्कर मैदान स्थित है जहां सेना में भर्ती के लिए रैली होती है.
इसके अलावा चक्कर मैदान के पास गोबरसही चौक पर भी प्रदर्शन किया जा रहा है. सदर थाना के पास भगवानपुर गोलम्बर पर भी बड़ी संख्या में युवक जुटे हैं. वहां भी आग जलाकर एनएच 28 को जाम कर दिया गया है. पुलिस और प्रशासन उन्हें समझाने बुझाने में लगी है. शहर के भगवानपुर चौक पर टायर जलाकर प्रदर्शन किया और शहर के कई सड़कों को जाम कर दिया.
मुजफ्फरपुर शहरी क्षेत्र में बुधवार सुबह से ही सेना अभ्यर्थियों द्वारा लिखित परीक्षा की मांग को लेकर पहले चक्कर चौक को जाम कर हंगामा किया उसके बाद माड़ीपुर चौक फिर अब भगवानपुर चौक को अभ्यार्थियों ने जाम कर दिया. अभ्यर्थियों का कहना है कि ARO के द्वारा दो साल पहले 8 जिलों के अभ्यर्थियों का फिजिकल और मेडिकल कराया गया था, लेकिन उसके बाद कभी कोरोना तो कभी कोई और बहाना करके लिखित परीक्षा लेने में विलंब किया जा रहा है.
अभ्यर्थियों का कहना है कि इस मामले में कर्नल भी कुछ नहीं बोल रहे हैं ,ऐसे में हम कहां जाएं. वहीं, केंद्र सरकार के 4 साल की सेना की नौकरी को लेकर भी अभ्यर्थी नाराज हैं और केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर प्रदर्शन को उतर आए. अभ्यर्थियों की मांग है कि CEE Exam को शुरू की जाए और टूर ऑफ ड्यूटी यानी TOD वापस ली जाए. साथ ही परीक्षा में 2 साल विलंब हुआ है इसके लिए उन्हें 2 साल की छूट दी जाए.
अभ्यर्थियों ने अपनी मांग को लेकर भगवानपुर चौक जाम किया तो वहीं मारीपुर, चककर चौक के निकट भी लाठी डंडे लेकर प्रदर्शन किया. अभ्यर्थियों का कहना है कि केवल 4 साल के लिए भर्ती किया जाना रोजगार के अधिकार का हनन करना है.