दिल्ली के मुंडका इलाके में मेट्रो स्टेशन के पास स्थित तीन मंजिला व्यावसायिक इमारत में शुक्रवार शाम भीषण आग लग गई. हादसे में महिला समेत 27 लोगों की मौत हो गई, जबकि 12 लोग झुलस गए, जिन्हें ग्रीन कॉरिडोर बनाकर संजय गांधी अस्पताल भेजा गया. प्रशासन ने सभी शव बरामद कर लिए हैं.
घटना के बाद अब तक 100 से ज्यादा लोगों को रेस्क्यू कर लिया गया है. वहीं शुक्रवार देर रात काफी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया. दमकल विभाग के अधिकारियों के अनुसार शाम 4.40 बजे उन्हें आग लगने की सूचना मिली. इसके बाद 30 दमकल गाड़ियों को मौके पर भेजा गया.
केजरीवाल ने दिए मजिस्ट्रेटी जांच कराने के आदेश
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल मुंडका अग्निकांड की जानकारी के लिए घटनास्थल पर पहुंचे. उन्होंने अधिकारियों से घटना की जानकारी ली. करीब 10 मिनट तक तक वह अधिकारी व पीड़ितों से बात करते रहें. उन्होंने हादसे पर गहरा दुख जताया। मुख्यमंत्री ने मुंडका अग्निकांड हादसे की मजिस्ट्रेटी जांच कराने के आदेश दिए. मुख्यमंत्री के साथ दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया, मेयर व अन्य विभागों के कई अधिकारी भी मौके पर मौजूद रहे.
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने घटनास्थल का दौरा करते हुए कहा कि घटना में बॉडी काफी क्षत विक्षत हो गई हैं. पहचान नहीं हो रही है. एफएसएल के जरिए डीएनए की जांच करेंगे, ताकि पता चले कि किसकी बॉडी किस परिवार की है। ईश्वर से प्रार्थना है कि पीड़ित परिवार को दुख सहने की शक्ति दे. घटना में जिनकी डेथ हुई है, उनके परिवार को 10-10 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा. जो लोग घायल हुए हैं, उन्हें 50-50 हजार रुपये का मुआवजा दिया जाएगा.
फैक्ट्री के दोनों मालिक गिरफ्तार
तीन मंजिला व्यावसायिक इमारत में लगने की घटना के बाद पुलिस ने कंपनी के मालिक हरीश गोयल और वरुण गोयल को पहले हिरासत में लिया फिर गिरफ्तार कर लिया है. वरुण गोयल और सतीश गोयल को दिल्ली पुलिस ने गैर इरादतन हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया है.
मीडिया रिपोर्ट की मानें तो जिस इमारत में आग लगी, वहां सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम नहीं किए गए थे. बिल्डिंग का व्यावसायिक इस्तेमाल किया जा रहा था, लेकिन मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक नगर निगम से एनओसी नहीं लिया गया था. कमाल की बात यह है कि बिल्डिंग में एक समय में 100 से अधिक लोग मौजूद रहते थे, लेकिन उसके बावजूद इमारत के मालिक ने वहां आग से बचाव के कोई खास इंतजाम नहीं किए थे.
सुरक्षा के अपर्याप्त इंतजाम
सूत्रों का कहना है कि इमारत में निकासी का इंतजाम मानकों के मुताबिक नहीं था. इसकी वजह से लोग भीतर ही फंसे रह गये. किसी हादसे के समय बचकर निकलने के लिए इमारत में फायर एग्जिट का भी इंतजाम नहीं किया गया था.
जिस इमारत में आग लगी, उसमें इलेक्ट्रॉनिक सामान का गोदाम था. बड़ी संख्या में सीसीटीवी कैमरे व अन्य उपकरण रखे हुए थे. प्लास्टिक के सामान में आग लगने से भारी मात्रा में धुआं निकला. कई लोगों की मौत इस दमघोंटू धुएं से हुई. भीतर फंसे लोग जान बचाने के लिए तीसरी मंजिल से नीचे कूद गये. चोट लगने से भी कई की जान गयी.
30 से अधिक दकम कल की गाड़ियों ने बुझाई आग
मुडंका की आग बुझाने के लिए 30 से अधिक दमकल की गाड़ियां मौके पर पहुंची थी और देर रात तक आग बुझाने का प्रयास किया गया। लोगों की मदद के लिए एनडीआरएफ की टीम भी मौके प र पहुंची थी. शनिवार सुबह को आग पर पूरी तरह से काबू पा लिया गया.
देर रात तक करीब 30 गाड़ियों पर 125 से अधिक दमकल के जवान वहां काम कर रहे थे. हालांकि 10.50 बजे आग पर काबू पाने के बाद भी वहां कूलिंग का जारी था. इमारत की ऊपरी मंजिलों पर आग रह-रहकर लगे जा रही थी.
अधिकारियों का कहना था कि फिलहाल बिल्डिंग का तापमान बहुत ज्यादा है, जिसकी वजह से अंदर घुसने में दुश्वारियां आ रही हैं. कूलिंग के बाद इमारत को ठंडा करने के बाद ही इमारत की पूरी तरह तलाशी हो पाएगी. देर रात को दमकल विभाग और पुलिस के अलावा आबदा प्रबंधन की टीम भी मौके पर पहुंचकर राहत व बचाव कार्य में जुट गई थी.