दिल्ली के पांचसितारा होटल स्थित सैलून को एक महिला मॉडल के गलत तरीके से बाल काटने पर बड़ा जुर्माना लगा है. राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (NCDRC) ने उस लक्जरी होटल की चेन को महिला को 2 करोड़ रुपये मुआवजा देने का आदेश दिया है.
आयोग के मुताबिक, सैलून ने न सिर्फ महिला के बाल गलत तरीके से काटे बल्कि गलत हेयर ट्रीटमेंट (Wrong Haircut and Treatment) देकर बालों को स्थाई नुकसान पहुंचाया. इस वजह से दो करोड़ रुपये को मुआवजा देने का निर्देश दिया गया है. यह आदेश जस्टिस आरके अग्रवाल और डॉक्टर एसएम कांतिकर ने दिया है. यही नहीं, इस दौरान आयोग ने महिला की घटना के वक्त की आमदनी का भी ध्यान रखा.
NCDRC के अध्यक्ष आरके अग्रवाल और सदस्य डॉ, एसएम कांतिकर की पीठ ने देखा कि महिलाएं अपने बालों के प्रति बहुत सतर्क रहती हैं। साथ ही वह उसे अच्छा रखने के लिए काफी पैसा भी खर्च करती हैं। इसके बाद आयोग ने होटल को मुआवजा देने का आदेश दिया
आयोग ने देखा कि शिकायतकर्ता आशना रॉय के बाल खासे लंबे थे। इसकी वजह से वह बालों के उत्पादों के बड़े ब्रांडों के लिए मॉडलिंग करतीं थी. उसके निर्देशों के खिलाफ उसके बाल काटे जाने की वजह से उसने अपने काम को खो दिया और एक बड़ा नुकसान झेला. इस घटना ने उसकी जीवन शैली को बदल दिया और एक शीर्ष मॉडल बनने का सपना तोड़ दिया. एक वरिष्ठ प्रबंधन पेशेवर के रूप में भी उसे अच्छा पैसा मिल रहा था.
पीठ ने 21 सितंबर को दिए आदेश में कहा कि बाल काटने में लापरवाही के कारण वह गंभीर मानसिक रूप से टूट गई और उसने अपनी नौकरी खो दी. आयोग ने कहा, होटल महिला के बालों के उपचार में चिकित्सा लापरवाही का भी दोषी है. कर्मचारियों की गलती के कारण उपचार में उसका सिर जल गया था और उसे अभी भी एलर्जी व खुजली है.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, यह घटना अप्रैल 2018 की है, जब एक महिला दिल्ली के आईटीसी मौर्या होटल के सैलून में अपने बालों के ट्रीटमेंट के लिए गई थी, लेकिन हेयर सैलून ने उनके बताए अनुसार बाल काटने के बजाए गलत तरीका अपनाया था, जिससे उनको अपने काम से हाथ धोने के साथ आर्थिक नुकसान भी हुआ था.
बता दें कि महिला हेयर प्रोडक्ट की मॉडल थी और उसने कई बड़े हेयर केयर ब्रांड (VLCC और PANTENE) के लिए मॉडलिंग की थी. सैलून के गलत हेयर ट्रीटमेंट की वजह से महिला का मॉडलिंग की दुनिया में बड़ा मुकाम बनाने का सपना टूट गया था.
इस बाबत महिला ने कहा कि मैंने सैलून में साफ तौर पर बालों को आगे से लंबे ‘फ्लिक्स’ रखने और पीछे से बालों को चार इंच काटने को कहा था, लेकिन हेयरड्रेसर ने गलत तरीके से बाल काटते हुए सिर्फ चार इंच ही छोड़े थे. जब उन्होंने इसकी शिकायत सैलून के मैनेजर से की तो उसने फ्री हेयर ट्रीटमेंट की पेशकश की थी. इसके अलावा महिला ने कहा कि सैलून के केमिकल की वजह से उसके बालों को नुकसान हुआ और फिर इसके बाद उन्होंने राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निस्तारण आयोग का दरवाजा खटखटाते हुए तीन करोड़ के मुआवजा दिलाने का अनुरोध किया था.
बहरहाल, राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निस्तारण आयोग ने शिकायकर्ता की बात को तो नहीं माना है, लेकिन गलत बाल काटने और गलत ट्रीटमेंट देने वाले सैलून को महिला को दो करोड़ रुपये देने का निर्देश दिया है. यही नहीं, आयोग ने दो महीने के अंदर मुआवजे की रकम देने के लिए कहा है.