प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किए गए दिल्ली सरकार में मंत्री सत्येंद्र जैन से जुड़े ठिकानों पर छापेमारी की। ईडी ने सोमवार सुबह दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन के घर सहित 7 ठिकानों पर छापा मारा। सत्येंद्र जैन पर मनी लॉन्ड्रिंग केस दर्ज है और वे 9 जून तक ED की हिरासत में हैं। अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली में जैन के घरों और कुछ अन्य जगहों पर छापेमारी की जा रही है। उन्हें 30 मई को गिरफ्तार किया गया था।
यह मामला 2017 में आप नेता के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (Prevention of Corruption Act) के तहत सीबीआई द्वारा दर्ज की गई एफआईआर पर आधारित है, जहां उन पर कथित रूप से जुड़ी चार कंपनियों के माध्यम से मनी लॉन्ड्रिंग करने का आरोप लगाया गया था।
पिछले महीने, ईडी ने इन कंपनियों से संबंधित 4.81 करोड़ रुपये की अचल संपत्तियां कुर्क किया था। ये संपत्तियां अकिंचन डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड, इंडो मेटल इंपेक्स प्राइवेट लिमिटेड, पर्यास इंफोसोल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड, मंगलायतन प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड और जेजे आइडियल एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड से जुड़ी हुई है। इसके अलावा आय से अधिक संपत्ति के मामले में स्वाति जैन, सुशीला जैन, अजीत प्रसाद जैन और इंदु जैन की संपत्तियों को कुर्क किया गया है।
ईडी ने अपनी बयान में कहा कि जांच में पता चला है कि 2015-16 के दौरान जब सत्येंद्र जैन सरकारी कर्मचारी थे, तो ऊपर लिखी हुई सभी कंपनियों को अप्रत्यक्ष रूप से वहीं नियंत्रित करते थे। जांच में इस बात का भी खुलासा हुआ है कि कैश ट्रांसफर के बदले सत्येंद्र जैन की इन कथित कंपनियों को कोलकाता के हवाला ऑपरेटर से 4.81 करोड़ रुपए प्राप्त हुए हैं। इस पैसे का इस्तेमाल जैन की ओर से जमीन खरीदने और दिल्ली में कृषि योग्य भूमि खरीदने के लिए लिए गए लोन चुकाने के लिए किया गया था.
सीबीआई की ओर से दर्ज एफआईआर के अनुसार, जब सत्येंद्र जैन से उनकी कंपनियां द्वारा प्राप्त किये गए फंड के सोर्स के बारे में जानकारी मांगी गई, तो वह इस बारे में कुछ भी जवाब नहीं दे पाए, जिसके बाद सीबीआई की ओर से जैन समेत उनकी पत्नी और चार अन्य लोगों के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले को एफआईआर दर्ज कराई गई।