दिल्ली का गाजीपुर बॉर्डर आज पूरी तरह खाली हो जाएगा. किसानों के जत्थे अपने घरों को लौट रहे हैं. किसान नेता राकेश टिकैत भी अपने गांव सिसौली लौट जाएंगे, जहां उनके स्वागत की तैयारियां की गई हैं. लेकिन गाजीपुर बॉर्डर छोड़ने से पहले किसानों ने प्रदर्शनस्थल पर जमकर जश्न मनाया.
तिरंगा हाथों में लेकर किसान और संगठन के सदस्य खूब थिरके और कृषि कानूनों की वापसी का जश्न फिर मनाया. किसानों की वापसी के बाद दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे के गाजियाबाद-दिल्ली सेक्शन का निरीक्षण किया जाएगा. किसानों के प्रदर्शन के कारण इस जगह पर पिछले एक साल से मरम्मत नहीं हो पाई है.
प्रदर्शनस्थल छोड़ने से पहले किसानों ने वहां हवन भी किया. किसान नेता राकेश टिकैत ने चेतावनी देते हुए कहा कि मांग पूरी ना होने पर हम दोबारा लौटेंगे. घर वापसी से पहले राकेश टिकैत ने कहा, ‘हम 13 महीने यहां रहे, अब 13 घंटे मुजफ्फरनगर में बिताएंगे.’
इस आंदोलन की सबसे बड़ी खासियत के बारे में बारे में टिकैत ने कहा, ‘एकजुटता, शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन और सबका सहयोग.’ लखीमपुर हिंसा पर राकेश टिकैत ने कहा, ‘अजय मिश्रा को बर्खास्त किया जाना चाहिए, क्योंकि वह भी हिंसा में शामिल हैं. आंदोलन स्थगित हुआ है लेकिन उनकी बर्खास्तगी की मांग जारी रहेगी.’ इसके अलावा टिकैत से यूपी चुनाव पर भी सवाल किए गए, लेकिन उन्होंने फिलहाल इसपर जवाब देने से इनकार कर दिया.