गुजरात के आतंकवाद निरोधी दस्ते ने अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के करीबी और 1993 मुंबई धमाकों के वांटेड 4 आरोपियों को अहमदाबाद से पकड़ा है। मुंबई बम धमाकों के बाद ये सभी आरोपी विदेश भागने में कामयाब रहे थे और फर्जी पासपोर्ट पर अहमदाबाद आए थे। गुजरात ATS ने अबू बकर, यूसुफ भटाका, शोएब बाबा और सैयद कुरैशी को पकड़ने में कामयाबी पाई है। इस संबंध में इंटेलिजेंस इनपुट मिलने पर गुजरात ATS ने कार्रवाई को अंजाम दिया।
जयपुर में आतंकी घटना में भी इनकी लिप्तता सामने आई है, नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) इस मामले की जांच कर रही है। आतंकवाद निरोधक दस्ते की अहमदाबाद टीम इन आतंकियों को दबोचा है इससे पहले नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी मुंबई के दर्जनों ठिकानों पर छापामारी कर चुकी थी।
ATS से मिली जानकारी के अनुसार चारों आरोपी फर्जी पासपोर्ट के जरिए एक देश से दूसरे देश में घूम रहे थे। कुछ समय पहले इन चारों के दुबई में होने का जानकारी मिली थी। चारों फर्जी पासपोर्ट के साथ अहमदाबाद एयरपोर्ट पहुंचे थे, जहां पहले से ही ATS इनका इंतजार कर रही थी।
आरोपियों ने 1993 के सिलसिलेवार धमाकों के लिए बम प्लांट करने के साथ ही अन्य साजो-सामान जुटाए थे। माना जा रहा है कि ये अभी भी दाऊद गैंग के संपर्क में हैं, जिसके आधार पर अब डी कंपनी के और भी कनेक्शन सामने आ सकते हैं। फिलहाल ये पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि इनका अहमदाबाद आने का क्या मकसद था। आरोपियों से अब केंद्रीय एजेंसी पूछताछ करेगी। इसे गुजरात एटीएस का एक बड़ा ऑपरेशन माना जा रहा है।
अबू बकर, यूसुफ भटाका, शोएब बाबा और सैयद कुरैशी ने सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों को गुमराह करने के लिए अपने पते बदल दिए थे। इनके पासपोर्ट में दर्ज सभी जानकारियां फर्जी निकलीं। जांच में यह सत्यापित हुआ कि ये चारों 1993 के मुंबई बम धमाकों के आरोपी हैं।
धमाकों में 250 से अधिक लोगों की मौत हुई थी
1993 के मुंबई बम धमाकों में 257 लोग मारे गए थे, जबकि 713 गंभीर रूप से घायल हुए थे। इस तबाही में 27 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति नष्ट हो गई थी। इन धमाकों की चीखें पूरे देश में सुनाई दीं। मुंबई बम धमाकों को सुनियोजित तरीके से अंजाम दिया गया। अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम का इशारा मिलने के बाद सबसे पहले लोगों को मुंबई में हुए धमाकों के लिए चुना गया। उन्हें दुबई के रास्ते पाकिस्तान भेजा गया और प्रशिक्षण दिया गया। तस्करी के अपने जाल का इस्तेमाल करते हुए दाऊद ने अरब सागर के रास्ते विस्फोटकों को मुंबई पहुंचाया था।