गुजरात के मोरबी में मच्छु नदी पर बना 143 साल पुराना केबल पुल रविवार शाम करीब छह बजे टूट गया। इस हादसे में अब तक 141 लोगों की मौत हो चुकी है और कई लोग लापता चल रहा है। रातभर से बचाव और राहत का अभियान चल रहे है। मोरबी में मच्छु नदी पर बने पुल पर लोग रविवार को छठ पूजा और वीकेंड मनाने के लिए पहुंचे थे।
गुजरात सूचना विभाग ने कहा कि करीब 177 लोगों को बचा लिया गया है। 19 लोगों का इलाज चल रहा है। सेना, नौसेना, वायुसेना, एनडीआरएफ और दमकल विभाग तलाशी अभियान चला रहे हैं। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की पांच टीमें माछू नदी में गिरे लोगों को बचाने के लिए रात भर काम कर रही हैं।
भारतीय सेना के मेजर गौरव ने कहा कि बचाव अभियान अभी भी जारी है। भारतीय सेना रात करीब 3 बजे यहां पहुंची थी। हम शवों को निकालने की कोशिश कर रहे हैं। एनडीआरएफ की टीमें फायर ब्रिगेड को भी बचाव अभियान में लगाया गया है।
अधिकारियों के मुताबिक यह पुल करीब एक सदी पुराना बताया जा रहा है। पुल को मरम्मत के बाद हाल ही में जनता के लिए खोला गया था। अधिकारियों ने कहा कि जनता के लिए चार दिन पहले ही फिर से खोले गए इस पुल पर लोगों की काफी भीड़ थी। उन्होंने बताया कि पुल शाम करीब साढ़े छह बजे टूट गया।
हादसे के संबंध में पीएम मोदी ने गुजरात के सीएम से बात की है। गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने अधिकारियों को घायलों के तत्काल इलाज की व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं। हादसे को लेकर गुजरात सरकार ने SIT जांच के आदेश दिए हैं। वहीं मोरबी जिला प्रशासन ने हेल्पलाइ नंबर- 02822 243300 जारी किया है।
मैनेजमेंट से जुड़े 9 लोग हिरासत में
मोरबी में हुए ब्रिज हादसे के बाद पुलिस ने ऐक्शन लिया है। इस मामले में पुलिस ने 9 लोगों को हिरासत में लिया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पुलिस अभी हिरासत में लिए गए लोगों से पूछताछ कर रही है। दूसरी तरफ मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मोरबी पहुंचकर पीड़ित परिवारवालों से मुलाकात करेंगे.
बताया जा रहा है कि हिरासत में लिए गए लोगों में पुल के प्रबंधक और रखरखाव पर्यवेक्षक शामिल हैं. इसके अलावा पुलिस ने पुल के प्रबंधन से जुड़े तमाम लोगों से पूछताछ कर रही है.
मोरबी हादसे के बाद प्रशासन ने जूल ब्रिज प्रबंधन के प्रबंधक, रखरखाव टीम के प्रबंधक के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 304, 308, 114 के तहत अपराध दर्ज कराया है. शिकायत में कहा गया है कि पुल का उचित रखरखाव नहीं किया गया था.
बताया जा रहा है कि इस पुल को अभी फिटनेस सर्टिफिकेट नहीं मिला था। इसके अलावा बिना अनुमति ही इसे आम लोगों के लिए खोल दिया गया था। जिसके बाद यह बड़ा हादसा सामने आया है।
प्रत्यक्षदर्शी ने बताया – पुल पर कूद रहे थे कुछ लोग
इस हादसे के बाद कई प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा है कि अंग्रेज़ों के समय का यह ”हैंगिंग ब्रिज” जिस समय टूटा, उस समय उस पर कई महिलाएं और बच्चे मौजूद थे तथा पुल टूटने के कारण वे नदी में गिर गए। जब पुल टूटा तो उस समय स्थानीय लोगों के अलावा नजदीकी शहरों और गांवों के लोग भी पुल पर मौजूद थे। दीपावली की छुट्टी और रविवार होने के कारण पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र रहे इस पुल पर काफी भीड़ थी। हादसे के बाद से कई वीडियो सामने आ रहे हैं। इस वीडियो में लोग अपनी जिंदगी बचाने के लिए संघर्ष करते नजर आ रहे हैं।
एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि हादसे से पहले कुछ लोगों को पुल पर कूदते और उसके बड़े तारों को खींचते हुए देखा गया। उन्होंने कहा कि हो सकता है कि पुल उस पर ”लोगों की भारी भीड़” के कारण टूट कर गिर गया हो। उन्होंने बताया कि जब पुल टूटा तो लोग एक-दूसरे के ऊपर गिरे। कई लोगों को अपने आप को नदी में गिरने से बचाने के लिए पुल के एक छोर से लटके हुए भी देखा गया। पुल टूटने के बाद उसका एक हिस्सा नदी में लटक गया।
राज्य सरकार ने सहायता राशि देने का ऐलान किया
गुजरात सरकार ने मृतकों के परिजनों को चार लाख और घायलों के परिवार को 50 हजार रुपये की सहायता राशि देने का ऐलान किया है। वहीं पीएम मोदी ने प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से हादसे में जान गंवाने वालों के परिवार को दो लाख रुपये और घायलों को 50 हजार रुपये की सहायता देने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और राज्य के गृह मंत्री मोरबी के लिए रवाना हो चुके हैं।