प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को गुजरात के गांधीनगर में डिफेंस एक्सपो 2022 का उद्घाटन किया. इस कार्यक्रम का लक्ष्य भारत की रक्षा उत्पादन क्षमताओं का प्रदर्शन करना है. इस दौरान पीएम मोदी ने 52 विंग वायु सेना स्टेशन डीसा की आधारशिला भी रखी. डिफेंस एक्सपो उद्घाटन के समय पीएम मोदी के साथ केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल भी मौजूद रहे.
डिफेंस एक्सपो के उद्घाटन के मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि यह एक नई शुरुआत का प्रतीक है. यह ऐसा एक्सपो है, जिसमें केवल भारतीय कंपनियां ही भाग ले रही हैं. केवल मेड इन इंडिया रक्षा उपकरण हैं.
पीएम मोदी ने कहा कि डिफेंस एक्सपो का यह आयोजन नए भारत की ऐसी भव्य तस्वीर खींच रहा है, जिसका संकल्प हमने अमृतकाल में लिया है. इसमें राष्ट्र का विकास भी है, राज्यों का सहभाग भी है. इसमें युवा शक्ति भी है, युवा सपने भी हैं. इसमें विश्व के लिए उम्मीद भी है और मित्र देशों के लिए सहयोग के अवसर भी हैं. पहली बार किसी डिफेंस एक्सपो में भारत की मिट्टी और लोगों के पसीने से बनी अनेक उत्पाद हमारे देश की कंपनियां, हमारे वैज्ञानिक, हमारी युवाओं का सामर्थ्य सरदार पटेल की धरती से दुनिया के सामने हमारे सामर्थ्य का परिचय दे रहे हैं.
गुजरात के गांधीनगर में डिफेंस एक्सपो में पीएम मोदी ने कहा कि देश के अब तक के सबसे बड़े डिफेंस एक्सपो ने एक नए भविष्य की जोरदार शुरुआत की है. मुझे पता है कि इससे कुछ देशों को भी असुविधा हुई है, लेकिन सकारात्मक मानसिकता के साथ कई देश हमारे साथ आए हैं. उन्होंने कहा कि मुझे खुशी है कि जब भारत भविष्य के इन अवसरों को आकार दे रहा है, तो 53 अफ्रीकी देश जो भारत के मित्र हैं, हमारे साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं.
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज भारत अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा से लेकर वैश्विक व्यापार तक, मैरीटाइम सिक्योरिटी एक ग्लोबल प्राथमिकता बनकर उभरा है. ग्लोबलाइजेशन के दौर में मर्चेंट नेवी की भूमिका का विस्तार हुआ है. दुनिया के देशों की भारत से अपेक्षाएं लगातार बढ़ती जा रही है। भारत इनको पूरा करने में जुटा हुआ है.
उन्होंने आगे कहा कि सरकार में आने के बाद हमने डीसा में ऑपरेशनल बेस बनाने का फैसला लिया और हमारी सेनाओं की ये अपेक्षा आज पूरी हो रही है. यह क्षेत्र अब देश की सुरक्षा का प्रभावी केंद्र बनेगा. स्पेस में भविष्य की संभावनाओं को देखते हुए भारत को अपनी इस तैयारी को और बढ़ाना होगा. हमारी डिफेंस फोर्सेस को नए इनोवेशन सॉल्यूशन्स खोजने होंगे. स्पेस में भारत की शक्ति सीमित न रहे और इसका लाभ भी केवल भारत के लोगों तक ही सीमित न हो, यह हमारा मिशन भी है और विजन भी.