चारा घोटाले से जुड़े अंतिम मामले में आज रांची स्थित सीबीआई की विशेष अदालत ने फैसला सुना दिया है. CBI स्पेशल कोर्ट ने लालू यादव समेत 75 आरोपियों को दोषी करार दिया है. विशेष न्यायाधीश एसके शशि ने मामले में छह महिलाओं समेत 24 आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया है. दोषी करार दिए जाने के बाद सजा पर बिंदुवार बहस चल रही है. कोर्ट ने 34 आरोपियों को तीन-तीन साल की सजा सुनाई है। लालू प्रसाद यादव सहित 41 आरोपियों की सजा पर फैसला 21 फरवरी को आएगा.
चारा घोटाले से जुड़े इस केस में 29 जनवरी को ही बचाव पक्ष की ओर से बहस पूरी कर लेने के बाद सीबीआई विशेष कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था जिसे आज सुनाया गया. लगभग 23 साल पुराना यह मामला 1990 से 1995 के बीच झारखंड के डोरंडा स्थित ट्रेजरी से 139.35 करोड़ रुपए की अवैध निकासी का है जो कि चारा घोटाले का सबसे बड़ा मामला है.
इस केस में अभियोजन पक्ष की ओर से 7 अगस्त 2021 को ही बहस पूरी कर ली गई थी, जिसमें कुल 575 गवाहों का बयान लिया गया था. जबकि बचाव पक्ष की ओर से लालू प्रसाद समेत 110 आरोपियों की ओर से 29 जनवरी को बहस पूरी की गई.
बचाव पक्ष के अधिवक्ता संजय कुमार की मानें तो चारा घोटाले के कुल 4 मामलों में लालू प्रसाद को सजा हो चुकी है, जिसमें चाईबासा कोषागार से अवैध निकासी को दो मामले हैं, जबकि देवघर और दुमका कोषागार से अवैध निकासी मामले में भी लालू प्रसाद को जमानत मिल चुकी है. हालांकि अब सिर्फ डोरंडा मामले में सजा का ऐलान होना बाकी है. लालू फिलहाल दुमका मामले में हाईकोर्ट से जमानत मिलने पर जेल से बाहर हैं.
लालू प्रसाद रविवार को ही कोर्ट का फैसला सूनने के लिए रांची पहुंच गए थे. वह स्टेट गेस्ट हाउस में ठहरे थे जहां मंगलवार की सुबह से ही राजद के तमाम वरिष्ठ नेताओं का जमावड़ा लगा था. लालू प्रसाद की बेटी सांसद मीसा भारती भी वहीं उनसे मिलने पहुंचीं थीं जो फैसला सुनाए जाने के समय लगातार उनके साथ रहीं.
लालू यादव का परिवार और समर्थक लगातार उम्मीद जता रहे थे कि सीबीआई कोर्ट का फैसला उनके पक्ष में आएगा. समर्थकों का कहना था कि लालू यादव की बड़ी उम्र और पूरे केस के दौरान सामने आए तथ्यों के आधार पर कोर्ट उन्हें राहत देगी. लालू के वकीलों का कहना था कि वह बीमार हैं. इसके अलावा उन्होंने कभी भी न्यायालय के आदेशों या कानूनी प्रक्रिया का उल्लंघन नहीं किया है. उम्र, स्वास्थ्य और अन्य पहलुओं को ध्यान में रखते हुए भरोसा है कि कोर्ट लालू यादव को राहत देगी.
ऐसे हुआ था चारा घोटाला
लालू प्रसाद यादव के मुख्यमंत्री रहते 1990 से 95 के बीच बिहार के सरकारी खजाने के पशु चारा के नाम पर 950 करोड़ की अवैध निकासी हुई थी. इसका खुलासा 1996 में हुआ और जांच बढ़ने के साथ लालू प्रसाद पर आंच आ गयी. झारखंड में चारा घोटाले के कुल पांच मुकदमों में लालू प्रसाद यादव अभियुक्त बनाये गये. इनमें से चार मामलों में कोर्ट का फैसला आ चुका है. इन सभी मामलों में अदालत ने उन्हें दोषी करार देते हुए सजा सुनाई.
चारा घोटाले के सबसे बड़े और पांचवें मामले में आज फैसला आने वाला है. यह केस रांची के डोरंडा कोषागार से 139 करोड़ रुपये की अवैध निकासी से जुड़ा है. इस मामले में शुरूआत में कुल 170 लोग आरोपी थे जिनमें से 55 आरोपियों की अबतक मौत हो चुकी है. जबकि सात आरोपी इस कांड के सरकारी गवाह बन गए. इस कांड के 6 आरोपी अभी भी कानून की पकड़ से बाहर हैं. आज मामले के 99 आरोपियों पर सीबीआई कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया.