इंदौर के सरकारी लॉ कॉलेज में धार्मिक कट्टरता का पाठ पढ़ाने का आरोप लगा है। कॉलेज की लाइब्रेरी में ऐसी किताबें मिली हैं जिनमें हिन्दुओं और आरएसएस के खिलाफ लिखा गया है। कुछ प्रतिबंधित किताबें भी कॉलेज की लाइब्रेरी में मिली है।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की आपत्ति के बाद बुधवार को कॉलेज के छह प्रोफेसरों को निलंबित किया गया था। अब विवादित किताबों को रखने के आरोप लगने और एबीवीपी के हंगामे के बाद कॉलेज के प्राचार्य डॉ. इनामुर्रहमान ने इस्तीफा दे दिया है। एबीवीपी की शिकायत पर भंवरकुआ पुलिस थाने में किताब की लेखिका, प्रकाशक, प्रोफेसर और प्राचार्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है।
इससे पहले गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने शनिवार को कहा था कि मैंने इंदौर के पुलिस कमिश्नर को डॉ. फरहत खान की पुस्तक की जांच करने और दोषी होने पर 24 घंटे में एफआईआर दर्ज करने का कहा है। मिश्रा ने कहा कि जिस देश में रहते हैं, जिस देश का खाते हैं, फिर देश के खिलाफ लिखने के लिए इतना जहर कहां से लाते हैं यह मुझे समझ में नहीं आता। मामले में पांच लोगों के खिलाफ कार्रवाई की है। राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में शामिल होने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा।
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने इस मसले पर कहा कि इंदौर के अंदर सरकार के लॉ कॉलेज में फरहद खान की लिखी सामूहिक हिंसा एवं दांडिक न्याय पद्धति किताब कई वर्ष पूर्व प्रतिबंधित होने के बावजूद लाइब्रेरी में कैसे आई और क्यों? इस पर वहां के प्राध्यापकों ने इसकी वकालत की। ऐसी ही ताकते इस प्रकार के लोग कॉलेजों के अंदर चाहे, लव जिहाद से लेकर इस प्रकार की चीजों को प्रमोट करने वाले लोग हों… ये भी विद्वेश फैलाने का काम इस प्रकार के लोगों के माध्यम से होता है। लोगों के खिलाफ केवल कार्रवाई नहीं, इन्हें जेल भेजने की जरूरत है।

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने इंदौर की भंवरकुआ थाना पुलिस को शिकायत की गई थी। इसमें लिखा गया है कि राष्ट्र विरोधी मुहिम के तहत पुस्तक में हिंदू धर्म एवं आरएसएस के खिलाफ झूठे तथ्यों का उल्लेख किया गया। ताकि मुस्लिम छात्रों में हिंदू धर्म के विरुद्ध नफरत फैलाने की भावनाओं को भड़का कर देश में आतंरिक गृह युद्ध छेड़कर राष्ट्र की संप्रभुता एवं आंतरिक सुरक्षा पर कुठाराघात किया जा सके। फिलहाल मामले में पुलिस जांच कर रही है।
ये लिखा है किताब में
डॉ. फरहत खान की किताब में लिखा गया है कि हिंदू संप्रदायवाद विध्वंसकारी विचारधारा के साथ उभर रहा है। विश्व हिंदू परिषद जैसे संगठन हिंदू बहुमत का राज्य स्थापित करना चाहता हैं। दूसरे समुदायों को शक्तिहीन बनाकर गुलाम बनाना चाहता हैं। वह किसी भी बर्बरता के साथ हिंदू राज्य की स्थापना को उचित ठहराता है। हिंदुओं ने हर संप्रदाय से लड़ाई का मोर्चा खोल रखा है। पंजाब का सच आज यह है कि मुख्य आंतकवादी हिंदू हैं और सिख प्रतिक्रिया में आतंकवादी बन रहा है। हिंदुओं के जितने भी सामाजिक, राजनीतिक और धार्मिक संगठन बने हैं। उनका एकमात्र उद्देश्य देश के मुसलमानों का विनाश करना है और शूद्रों को दास बनाना है। हिंदू पद पादशाही कायम करना है और हिंदू राजतंत्र का शासन वापस लाकर ब्राह्मण को पृथ्वी का देवता बनाकर पूज्य बनाना है।
लड़कियों का आरोप- हमें टारगेट किया जा रहा
नाम न छापने की शर्त पर कॉलेज की छात्राओं ने बताया कि क्लास में मुस्लिम लड़के हिंदू लड़कियों को टारगेट करते हैं। इसमें कुछ धर्म विशेष की लड़कियां भी साथ देती हैं। वो ही हिंदू लड़की का उनके धर्म के लड़के से परिचय करवाती हैं। बाद में दोनों स्टूडेंट के बीच फोन नंबर एक्सचेंज होते हैं। बाहर से पढ़ने के लिए इंदौर आई हिंदू लड़कियां इनका सॉफ्ट टारगेट होती हैं।
मार्क्स कम न आएं इससे डरती हैं छात्राएं
कॉलेज की छात्राओं ने बताया कि सभी स्टूडेंट को यहीं पढ़ाई करनी है। यदि किसी टीचर या स्टूडेंट को लेकर शिकायत की तो हो सकता है कि उन्हें कॉलेज प्रशासन की ओर से परेशान किया जाए। इंटरनल मार्क्स तो कॉलेज के ही हाथ में रहते हैं, इसलिए स्टूडेंट कुछ नहीं कहते। वहीं, कॉलेज में जो हिंदू टीचर हैं, उन्हें भी अपनी नौकरी करनी है, इसलिए वो भी आवाज नहीं उठाते हैं।