कांग्रेस नेता राहुल गांधी को सावरकर के खिलाफ टिप्पणी करना भारी पड़ गया है। महाराष्ट्र में बालासाहेबांची शिवसेना (शिंदे गुट) की नेता वंदना डोंगरे ने भारत जोड़ो यात्रा के दौरान स्वतंत्रता सेनानी सावरकर (Savarkar) पर अपमानजनक टिप्पणी करने के लिए कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है.
गुरुवार को ठाणे नगर पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई गई थी, जिसमें कहा गया था कि गांधी की टिप्पणी से स्थानीय नागरिकों की भावनाएं आहत हुई हैं. आईपीसी की धारा 500, 501 के तहत असंज्ञेय (NCR) अपराध का मामला दर्ज किया गया है.
राहुल गांधी के खिलाफ शिकायत दर्ज करते हुए, बालासाहेबांची शिवसेना नेता डोंगरे ने कहा कि वह “हमारे महापुरुषों की बदनामी” को बर्दाश्त नहीं करेंगी। उन्होंने कहा, “भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने स्वतंत्रता सेनानी सावरकर को बदनाम करने वाला बयान दिया और इससे स्थानीय नागरिकों की भावनाएं आहत हुई हैं। हम महाराष्ट्र की मिट्टी में अपने महापुरुषों की बदनामी बर्दाश्त नहीं करेंगे।” वहीं, शिंदे गुट ने राहुल गांधी की टिप्पणी के विरोध में गुरुवार को ठाणे में एक विरोध मार्च भी निकाला।
इससे पहले गुरुवार (17 नवंबर, 2022) को वीर सावरकर के पोते रंजीत सावरकर (Ranjit Savarkar) ने राहुल गांधी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी और आरोप लगाया था कि उन्होंने स्वतंत्रता सेनानी का अपमान किया है इसलिए उनके खिलाफ एक्शन लिया जाए।
राहुल गांधी के बयान पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा, “स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर का अपमान सहन नहीं है।” वहीं, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी स्वतंत्रता सेनानी वी डी सावरकर पर टिप्पणियों की आलोचना करते हुए कहा कि राहुल गांधी स्वतंत्रता सेनानी के बारे में पूरी तरह झूठ से बोल रहे हैं।
राहुल ने सावरकर के खिलाफ की थी विवादित टिप्पणी
दरअसल, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गुरुवार को विनायक दामोदर सावरकर के अंग्रेजों की मदद करने की बात दोहराई। उन्होंने कहा कि वीर सावरकर ने अंग्रेजों की मदद की। लोगों से बात करते हुए कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने एक पत्र को पढ़ा। दावा किया कि सावरकर ने अंग्रेजों को पत्र लिखा था। राहुल ने पत्र को पढ़कर सुनाया जिसमें सावरकर ने लिखा था सर, मैं आपके सबसे आज्ञाकारी सेवक बने रहने की विनती करता हूं। उस पत्र पर हस्ताक्षर भी किए गए थे। सावरकर ने अंग्रेजों की मदद की। उन्होंने डर के मारे पत्र पर हस्ताक्षर करके महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू और सरदार पटेल जैसे नेताओं को धोखा दिया। पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने दावा किया था कि सावरकर अंग्रेजों से पेंशन लेते थे, उनके लिए काम करते थे और कांग्रेस के खिलाफ काम करते थे।