मुंबई: महाराष्ट्र (Maharashtra) में हार्ट अटैक (Heart Attack) से मौतों में बढ़ोतरी हुई है. इसका कारण है कोविड फोबिया (Covid Phobia). लोग कोविड टेस्ट से बचने के लिए अस्पताल नहीं पहुंच रहे हैं, सीधे मृत अस्पताल लाए जा रहे हैं या फिर लाते ही उनकी मौत हो रही है. कोविड फोबिया के कारण अस्पताल पहुंचने में देरी और सांस की तकलीफ़ को कोविड से जोड़कर बिना डॉक्टर के सलाह के ग़लत दवा का सेवन कर रहे है.
फोर्टिस हीरनंदानी अस्पताल के डॉ ने बताया, जितने हॉस्पिटल हैं उसमें एक प्रोटकॉल बना है कि भर्ती से पहले मरीज़ों का कोविड ऐंटिजेन टेस्ट होगा इससे पहले की उनपर कोविड-नॉन कोविड का लेबल लगे. ये सारे टेस्ट से लोग डरे हैं, लोग चाहते नहीं की उनको लेबल किया जाए या इंवेस्टिगेट भी किया जाए की कोविड है की नहीं. इसलिए लोग अपने लक्षण छिपा रहे हैं. इसलिए हार्ट अटैक से मौतें हो रही है.
कुछ अस्पतालों में 90% फ़ॉलोअप मरीज़ डॉक्टर के सम्पर्क में नहीं है. अस्पतालों में भर्ती होने से पहले कोविड के टेस्ट से घबराए लोग अपने दिल के सिम्प्टम छिपा रहे हैं. कई बड़े अस्पताल, हार्ट अटैक से अचानक हुई मौतों में 15-20% बढ़ोतरी बता रहे हैं. हार्ट अटैक के युवा मरीज़ों की बढ़ती संख्या भी डॉक्टरों की चिंता बढ़ा रही है. डॉक्टर बताते हैं की सीने में दर्द की तकलीफ़ होने पर इंतेज़ार ना करें, कोविड काल में हल्की सी सांस की दिक़्क़त भी अहम संकेत है. फेंफड़ों के बाद सबसे ज़्यादा दिल पर वार करने वाला कोरोना घातक बन सकता है.