महाराष्ट्र में जारी सियासी संकट के बीच शिवसेना नेता संजय राउत को ईडी ने समन जारी किया है। उन्हें 28 जून को मुंबई स्थित ईडी दफ्तर में पूछताछ के लिए बुलाया गया है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पात्रा चावल भूमि घोटाला मामले में शिवसेना सांसद संजय राउत को 28 जून को तलब किया है।
अधिकारियों ने बताया कि राज्यसभा के सदस्य राउत से कहा गया है कि वह 28 जून को दक्षिण मुंबई में स्थित एजेंसी के दफ्तर में उसके अधिकारियों के सामने पेश हों और धनशोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के तहत अपना बयान दर्ज कराएं।
ईडी का नोटिस आने के बाद राउत ने भी प्रतिक्रिया दी है। राउत ने कहा कि मुझे अभी-अभी पता चला है कि ED ने मुझे तलब किया है। महाराष्ट्र में ये बड़े राजनीतिक घटनाक्रम हैं। हम बालासाहेब के शिवसैनिक एक बड़ी लड़ाई लड़ रहे हैं। यह मुझे रोकने की साजिश है। भले ही आप मेरा सिर कलम दें लेकिन मैं गुवाहाटी मार्ग नहीं लूंगा। मुझे गिरफ्तार करो!
संजय राउत को समन भेजे जाने पर शिवसेना ने सवाल उठाया है। पार्टी की प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि एजेंसी ने भाजपा के प्रति अपनी परमभक्ति का उदाहरण पेश किया है। इसी के तहत उन्हें समन जारी किया गया है। यही नहीं टीएमसी का भी रिएक्शन आया है और पार्टी का कहना है कि महाराष्ट्र की सरकार को गिराने के लिए संजय राउत को ईडी ने नोटिस दिया है।
बता दें कि इससे पहले ईडी ने संजय राउत के करीबी प्रवीण राउत को गिरफ्तार किया था। इतना ही नहीं ईडी ने 11 करोड़ रुपए की संपत्ति कुर्क भी की थी। इसमें पालघर में प्रवीण राउत से जुड़ी संपत्ति करीब 9 करोड़ की है,जबकि 2 करोड़ की कीमत वाले दादर में फ्लैट और अलीबाग में प्लॉट के संजय राउत की पत्नी से जुड़े होने का आरोप है।
संजय राउत को नोटिस के बाद माना जा रहा है कि महाराष्ट्र की सियासत में ईडी की भी एंट्री हो सकती है। पहले भी शिवसेना केंद्र सरकार पर एजेंसियों के बेजा इस्तेमाल का आरोप लगाती रही है। ऐसे में साफ है कि एक बार फिर से वह इसे राजनीतिक कार्रवाई बता सकती है।
बता दें कि एकनाथ शिंदे गुट की शिवसेना से बगावत के पूरे एपिसोड में संजय राउत बेहद मुखर रहे हैं और बागी विधायकों पर हमला बोलते रहे हैं। यही नहीं वह तो शिवसेना के बागियों को मुंबई आने तक की चुनौती देते रहे हैं।