महाराष्ट्र में जारी राजनीतिक संकट के बीच उद्धव ठाकरे ने कड़ा ऐक्शन लिया है। शिवसेना ने अपने बागी नेता एकनाथ शिंदे को विधायक दल के नेता पद से हटा दिया है। उनकी जगह शिवड़ी से शिवसेना के विधायक अजय चौधरी को विधायक दल का नेता बनाया गया है। उधर एकनाथ शिंदे ने बगावत के बाद पहली बार ट्वीट करके कहा है कि वो सत्ता के लिए कभी धोखा नहीं देंगे।
एकनाथ शिंदे ने ट्वीट कर कहा कि हम बाला साहेब के पक्के शिवसैनिक हैं। बाला साहेब ने हमें हिंदुत्व सिखाया है। बाला साहेब के विचारों और धर्मवीर आनंद दिघे साहब की शिक्षाओं के बारे में सत्ता के लिए हमने कभी धोखा नहीं दिया और न कभी धोखा देंगे।
एकनाथ शिंदे को बालासाहेब ठाकरे के भरोसेमंद नेताओं में से एक माना जाता था। ऐसे में बालासाहेब ठाकरे की ही सीख का हवाला देते हुए उन्होंने उद्धव ठाकरे पर हमला बोला है। दरअसल एकनाथ शिंदे पिछले कई दिनों से सीएम उद्धव ठाकरे से नाराज चल रहे थे। एकनाथ शिंदे के साथ शिवसेना के कई विधायकों ने सूरत में डेरा डाला हुआ है। शिवसेना का शिंदे से संपर्क नहीं हो पा रहा है।
वहीं इन घटनाक्रमों को लेकर सरकार में सहयोगी एनसीपी ने इसे शिवसेना का “आंतरिक मामला” करार दिया है। एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कि यह तीसरा मौका है जब किसी ने सरकार को अस्थिर करने की कोशिश की है और यह सफल नहीं हो सकता है। पवार ने कहा- “स्थिति को देखते हुए, मुझे लगता है कि हम कोई समाधान निकालेंगे।”
बता दें कि 26 विधायकों के साथ पार्टी के सीनियर नेता और मंत्री एकनाथ शिंदे सूरत में कैंप कर रहे हैं। एक तऱफ उद्धव ठाकरे ने आपातकालीन बैठक बुला ली है तो वहीं उत्साहित भाजपा के सीनियर नेताओं की दिल्ली में बैठक चल रही है। बीते करीब ढाई साल से चली आ रही उद्धव ठाकरे सरकार को यह झटका उनके ही करीबी नेता एकनाथ शिंदे ने दिया है।
शिंदे के बारे में जानने वाले लोग बताते हैं कि वह शिवसेना के संकटमोचक रहे हैं। ऐसे में उनकी ओर से दिए गए झटके से शिवसेना का संभलना मुश्किल होगा। एकनाथ शिंदे की शिवसेना पर कितनी पकड़ रही है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वह बाल ठाकरे के भी बेहद करीबी थी।