सुंदरीकरण और सुरक्षा के लिए 101 करोड़ का बजट जारी
मुंबई। मुख्यमंत्री उध्दव ठाकरे ने राज्य के सामाजिक-अध्यात्मिक जीवन की प्राण प्राचीन मंदिरों की सुरक्षा एवं जीर्णोद्वार करने की घोषणा कुछ दिन पहले की थी. जिसे देखते हुए अब उस काम को गति देने के लिए प्रकल्प का प्रारूप निश्चित करना, प्राथमिकता के साथ काम शुरू करना जैसे कामों के लिए समिति की स्थापना की गयी है.
सार्वजनिक लोक निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गुरुवार को समिति की स्थापना की गई साथ ही परियोजना के लिए वर्ष 2021-22 के आर्थिक बजट में 101 करोड़ रुपयों का प्रावधान करने के लिए राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में अनुमति प्रदान की गई है.
स्थापित की गई समिति में वित्त विभाग के प्रधान सचिव, सांस्कृतिक कार्य विभाग के प्रधान सचिव, महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास महामंडल के व्यवस्थापकीय संचालक आदि का सदस्य के रूप में समावेश किया गया है. जबकि इसमें पर्यटन और पर्यावरण विभाग के प्रधान सचिव विशेष निमंत्रित सदस्य होंगे. सार्वजनिक लोक निर्माण विभाग के सचिव इस समिति के सदस्य सचिव रहेंगे.
यह समिति महाराष्ट्र के प्राचीन मंदिरों का जतन और संवर्धन के बारे में प्रस्ताव सरकार को प्रस्तुत करेगी. इस पर अमल के लिए संस्था के रूप में महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास महामंडल के साथ चर्चा कर इन प्रस्तावों पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा. समिति द्वारा आवश्यकता के अनुसार निजी क्षेत्र के विशेषज्ञों की नियुक्ति की जा सकेगी।
छत्रपति शिवाजी महाराज द्वारा विकसित किए 300 किले और प्राचीन मंदिरों की वैभवशाली धरोहर प्राप्त महाराष्ट्र संतों की भूमि के रूप में भी पहचान है. देश में स्थित 12 में से 5 ज्योर्तिलिंग अकेले महाराष्ट्र में है. महाराष्ट्र की अध्यात्मिक परंपरा को वारकरीयों ने देश स्तर पर एक अलग मुकाम तक पहुंचाया है. आलंदी, पंढरपुर, अष्टविनायक परिक्रमा यह महाराष्ट्र के सामाजिक अध्यात्मिक जीवन के अविभाज्य अंग है.
महाराष्ट्र की कुलस्वामिनी तुलजाभवानी, महालक्ष्मी, रेणुकामाता और सप्तशृंगी यह मातृदेवताओं के साढेतीन शक्तीपीठ महाराष्ट्र में है. समृद्ध इतिहास की गवाही देनेवाली गुफाएं और शिल्प महाराष्ट्र का वैभव है. इन सभी वैभवों का जतन और संवर्धन कर उन्हें अंतरराष्ट्रीय दर्जा प्राप्त करवाने की सरकार की मंशा है. प्राचीन मंदिर, गुफाएं और शिल्पों का जीर्णोद्धार और संवर्धन का काम महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास महामंडल को सौंपा गया है. इसके लिए महामंडल को स्वतंत्र निधि उपलब्ध करवाया जाएगा.