टी-सीरीज (T-Series) के संस्थापक गुलशन कुमार हत्याकांड (Gulshan Kumar Murder Case) में बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay HC) ने अपना फैसला सुनाया और अब्दुल रऊफ मर्चेंट की उम्र कैद की सजा को बरकरार रखा। जस्टिस जाधव और बोरकर की बेंच ने इस केस का फैसला सुनाया। वहीं, कोर्ट ने रमेश तौरानी की बरी के फैसले को बरकरार रखते हुए तौरानी के खिलाफ महाराष्ट्र सरकार की अपील खारिज कर दी। कोर्ट को उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं मिले हैं.
गुलशन कुमार की हत्या से जुड़ी कुल चार याचिकाएं बॉम्बे हाई कोर्ट में आई थीं। इसमें तीन अपील रऊफ मर्चेंट, राकेश चंचला पिन्नम और राकेश खाओकर को दोषी ठहराए जाने के खिलाफ थीं। मर्चेंट को गुलशन कुमार हत्या के केस में दोषी ठहराया था, अब कोर्ट ने उसकी सजा को बरकरार रखा है। वहीं अन्य याचिका महाराष्ट्र सरकार ने दायर की थी यह रमेश तौरानी को बरी करने के खिलाफ थी। हालांकि कोर्ट ने तौरानी के खिलाफ महाराष्ट्र सरकार की अपील खारिज कर दिया है। उनपर हत्या के लिए उकसाने का आरोप था। न्यायमूर्ति साधना एस जाधव और न्यायमूर्ति एनआर बोरकर की पीठ ने कहा कि रऊफ मर्चेंट की सजा जारी रहेगी क्योंकि वह पैरोल से भाग गया था और अपनी आपराधिक गतिविधियों में शामिल रहा।
बता दें, रऊफ मर्चेंट को 1997 में टी-सीरीज़ के प्रमुख गुलशन कुमार की हत्या के लिए 2002 में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। 2009 में उसे बीमार मां से मिलने के लिए पैरोल मिली थी। इसी दौरान वह बांग्लादेश भाग गया था। हालांकि बाद में बांग्लादेश पुलिस ने उसे फर्जी पासपोर्ट मामले में अरेस्ट किया। मर्चेंट को भारत-बांग्लादेश सीमा से फिर से अरेस्ट करने के बाद पहले गाजीपुर के काशिमपुर जेल में रखा गया फिर साल 2016 में एक सत्र अदालत ने मुंबई के आर्थर रोड जेल भेज दिया था।
म्यूजिक कंपनी टी-सीरीज के संस्थापक और बॉलीवुड फिल्मों के निर्माता रह चुके गुलशन कुमार की मुंबई के जुहू इलाके में हत्या कर दी गई थी। 12 अगस्त 1997 को गुलशन कुमार मंदिर से घर लौटकर जा रहे थे तभी अचानक बाइक सवारों ने उनपर ताबड़तोड़ 16 गोलियां दाग दीं। मौके पर ही गुलशन कुमार की मौत हो गई थी। उनकी हत्या की खबर फैलते ही पूरे बॉलीवुड में सनसनी फैल गई थी। गुलशन की मौत सभी के लिए काफी शॉकिंग थी. किसी ने नहीं सोचा था कि इतनी बड़ी हस्ती को कोई ऐसे खुल्लेआम गोली मार कर चला जाएगा. गुलशन कुमार की हत्या में अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम और अबू सलेम का नाम लिया जाता है।
80 के दशक में उन्होंने टी सीरीज की स्थापना की और 90 के दशक तक वो कैसेट किंग के नाम से मशहूर हो चुके थे। टी सीरीज करोड़ों की कंपनी बन चुकी थी। महज 10 साल में ही गुलशन कुमार ने टी सीरिज के बिजनेस को 350 मिलियन तक पहुंचाया था। उन्होंने कई गायकों को लॉन्च किया। और तभी से वे अंडरवर्ल्ड की आंखों में खटकने लगे।
मुंबई में जीतेश्वर महादेव मंदिर के बाहर उनपर 16 गोलियां चलाई गईं। देखते ही देखते उनकी जान चली गई। जानकारी के मुताबिक अबु सलेम ने गुलशन कुमार को मारने की जिम्मेदारी दाऊद मर्चेंट और विनोद जगताप नाम के शार्प शूटरों को दी थी। 9 जनवरी 2001 को विनोद जगताप ने कुबूल किया कि उसने ही गुलशन कुमार को गोली मारी।