मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) के घर के बाहर मिली विस्फोटकों से भरी कार के कथित मालिक मनसुख हिरेन (Mansukh Hiren) की मौत की जांच को NIA (National Investigation Agency) को ट्रांसफर कर दिया गया है. यह जानकारी महाराष्ट्र सरकार के आधिकारिक प्रवक्ता ने सोमवार को दी। पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने एनआईए से मामले की जांच कराने की मांग की थी। हालांकि, इसे राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने खारिज कर दिया था।
इस मामले को ह्त्या मानते हुए महाराष्ट्र ATS ने भी मामला दर्ज किया है. मनसुख की पत्नी ने उनकी मौत को आत्महत्या मानने से इनकार कर दिया था जिसके बाद पूरे मामले पर कई तरह के सवाल खड़े हो गए थे. जांच में सामने आया था कि मनसुख का फोन उनकी मौत के बाद भी ऑन था और उसके जरिए पुलिस को भटकाने की कोशिश की गयी थी.
मनसुख की मौत को शुरुआती जांच के बाद महाराष्ट्र पुलिस ने आत्महत्या बताया था. हालांकि उनकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट में शरीर पर चोट के निशान पाए जाने की बात सामने आई है. मिली जानकारी के मुताबिक जब उनका शव मिला तो हाथ-पांव बंधे हुए थे और मुंह में 5 रूमाल भी ठूसे गए थे. इससे पहले सामने आया था कि महाराष्ट्र एंटी टेरेरिस्ट स्क्वायड (ATS) ने इस मामले में मर्डर, क्रिमिनल कॉन्सपिरेसी और सबूत मिटाने से संबंधित धाराओं में FIR दर्ज की है.

मनसुख की पत्नी ने आरोप लगाए थे कि उन्हें कांदिवली पुलिस स्टेशन से किसी तावड़े ने फोन करके मिलने के लिए बुलाया था जिसके बाद से वे गायब हो गए थे. पुलिस ने पहले कहा था कि वे वसई भी गए थे लेकिन पोस्टमार्टम में मौत का समय सामने आने के बाद स्पष्ट हुआ है कि कातिल पुलिस को भटकाने के लिए मनसुख का फोन लेकर वसई गया था.
ऐसा माना जा रहा है कि इस कातिल ने पुलिस को भटकने के लिए वसई में फोन ऑन किया था और फिर शायद उसे वहां खाई में फेंक दिया. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खुलासा हुआ था कि मनसुख की बॉडी दस घंटे तक पानी में रही थी. साथ ही मनसुख के चेहरे, आंख और पीठ पर जख्मों के निशान थे.
मनसुख हीरेन की मौत के मामले में महाराष्ट्र की एटीएस ने रविवार को अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया है। नियमानुसार, ठाणे जिले की मुंब्रा पुलिस ने मामले से संबंधित दस्तावेज एटीएस को सौंप दिए हैं।