महाराष्ट्र में ‘लव जिहाद’ के खिलाफ कानून बनाने को लेकर डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि ‘लव जिहाद’ के खिलाफ एक कानून बनाने पर सरकार विचार कर रही है. देवेंद्र फडणवीस का ये बयान श्रद्धा वालकर के पिता विकास वालकर से शुक्रवार को मुलाकात के बाद सामने आया है.
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, महाराष्ट्र में लव जिहाद के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. जिसकी वजह से बीजेपी विधायक काफी समय से लव जिहाद कानून की मांग कर रहे हैं। जिसको लेकर महाराष्ट्र की शिंदे-फडणवीस सरकार जल्द राज्य में अधिनियम पेश कर सकती है. लव जिहाद कानून पर महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने भी बड़ा बयान दिया हैं.
महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि हम लव जिहाद कानून के संबंध में अलग-अलग राज्यों में मौजूद कानूनों को देख रहे हैं. उसी के मुताबिक हम इसे तय करेंगे और तैयार करेंगे. हमने अभी तक इस पर किसी भी प्रकार का कोई भी निर्णय नहीं लिया है.
मालूम हो कि कुछ दिन पहले महाराष्ट्र के बीजेपी विधायक राम कदम ने श्रद्धा हत्याकांड के मामले में पुलिस से लव जिहाद के एंगल की भी जांच करने की मांग की थी. वहीं असम के मुख्यमंत्री ने श्रद्धा मर्डर केस और लव जिहाद को जोड़ा था.
श्रद्धा के पिता ने डिप्टी सीएम से की मुलाकात
श्रद्धा वालकर के पिता विकास वालकर ने शुक्रवार को सांसद क्रिरीट सौमेया के साथ डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात की. यहां उन्होंने बेटी के हत्यारे आफताब पूनावाला को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने की मांग की. श्रद्धा हत्याकांड को लेकर लोगों के बीच आक्रोश को देखते हुए सरकार ने लव जिहाद कानून लाने का प्रस्ताव दिया है. शीतकालीन सत्र में इसकी तैयारी शुरू की जाएगी.
मध्य प्रदेश में और सख्त हो सकता है कानून
बता दें कि मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने हाल ही में कहा था कि आदिवासी महिलाओं की जमीन हड़पने के मकसद से पुरुषों द्वारा शादी की जा रही है. ऐसी घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए जरूरत पड़ने पर ‘‘लव जिहाद’’ के खिलाफ राज्य के मौजूदा कानून को और भी सख्त किया जाएगा. ताकि कोई भी अपराधी बख्शा न जाए.
बता दें कि फिलहाल मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में लव जिहाद के खिलाफ कानून बनाया गया हैं. उत्तर प्रदेश में मौजूद कानून में शादी के बाद जबरन धर्म परिवर्तन, किसी से भी झूठा शादी करवाना, ऐसी शादी को बढ़ावा देना, कानून के तहत अपराध है. दोषी पाए जाने पर आरोपी को 3 से 5 साल की जेल और दो लाख रुपए तक का जुर्माना हो सकता है.
इसके साथ ही कानून के मुताबिक यदि पीड़िता की उम्र 18 साल से कम है या वह अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति से संबंधित है, तो चार से सात साल तक की जेल और कम से कम तीन लाख रुपए का जुर्माना भरना पड़ेगा. अगर कोई संगठन इस अपराध में शामिल होता है तो 3 से 10 साल तक की सजा का प्रावधान है.